प्रार्थना-स्थल पर है प्रशासन की नजर
दैनिक जागरण के धर्मांतरण मुद्दे के बाद जिम्मेदार लोगों एवं संगठनों के आने के बाद बहरियाबाद व खानपुर क्षेत्र के अब तक कुल 64 परिवारों की जो ईसाई धर्म अपना चुके थे की ¨हदू धर्म में विधि- विधान से वापसी हो चुकी है। अभी भी क्षेत्र में दर्जनों ऐसे परिवार हैं
जासं, बहरियाबाद (गाजीपुर) : धर्मातरण मुद्दा गरमाने के बाद क्षेत्र में फौलादपुर हरिजन बस्ती, टाड़ा गांव व माधोटांडा गांव में रविवार को होने वाली 'ईसा-प्रार्थना एवं छुटकारे की सेवकाई' स्थल पर ¨हदू संगठनों व प्रशासन की नजर लगी हुई है। बहरियाबाद व खानपुर क्षेत्र के 64 परिवारों के घर वापसी के बाद ईसाई बन चुके अन्य लोगों पर भी नैतिक दबाव बना हुआ है। अभी भी क्षेत्र में दर्जनों ऐसे परिवार हैं जो अज्ञानता, भ्रम-भ्रांतियों एवं प्रलोभनों के चलते गुपचुप तरीके से ईसाई धर्म अपनाए हुए हैं। उनके पुन: ¨हदू धर्म में वापसी के लिए ¨हदू युवा वाहिनी व क्षत्रिय महासभा के कार्यकर्ता एवं समाज के जिम्मेदार लोग प्रयास कर रहे हैं।
फौलादपुर में त्रिभुवन प्रसाद, टाड़ा गांव में आकाश यादव व माधोटांडा गांव में रंजीत राजभर द्वारा ईसा प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है। फौलादपुर ईसा प्रार्थना स्थल पर आज भी पोस्टर, बैनर व दीवारों पर लेखन इत्यादि अंकित है। ¨हदू युवा वाहिनी के जिला उपाध्यक्ष राजेश ¨सह बबलू व क्षत्रिय महासभा सादात ब्लाक के अध्यक्ष पंकज ¨सह ने कहा कि प्रशासन के मना करने के बावजूद भी अगर ईसा प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया तो हम संगठन के लोग मौके पर पहुंच कर वैधानिक कार्रवाई के लिए पुलिस को सूचना देंगे। -------- ईसाई मिशनरियों से जुड़ा है संपर्क
- ईसा-प्रार्थना बंद होने से प्रार्थना संचालक अपनी कमाई इत्यादि को लेकर काफी परेशान हैं। प्रार्थना-सभा में शामिल सभी लोग मुट्ठी बंद करके दान पात्र में शक्ति सामर्थ्य कुछ न कुछ देते थे। साथ ही अनाज इत्यादि भी पहुंचाते थे। फौलादपुर संचालक का संपर्क ईसाई मिशनरियों से जुड़ा है। वह शामिल लोगों से मिलने वाले दान इत्यादि के अलावा प्रत्येक सभा का वीडियो इत्यादि बनाकर ऊपर ईसाई मिशनरियों को भेजता है। जिसके लिए उसे मिशनरी से अतिरिक्त धनराशि भी मिलती है।