जीरो साइज रखने वाली 80 फीसद महिलाएं कुपोषित
जागरण संवाददाता गाजीपुर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बालिका सुरक्षा अभियान के
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बालिका सुरक्षा अभियान के चौथे दिन मंगलवार को भी एक्चुअल और वर्चुअल कार्यक्रम जारी रहे। सुबह महाविद्यालय के प्रांगण में प्रज्ञा रेंजर्स, शारीरिक शिक्षा, एनसीसी एवं रासेयो की छात्राओं को कार्यक्रम अधिकारी डा. सारिका सिंह ने आत्मरक्षा का कौशल सिखाया तथा उन्हें अपनी सुरक्षा संबंधी व्यवहारिक टिप्स दिए। बताया गया कि जीरो साइज रखने वालीं 80 फीसद महिलाएं कुपोषित व अंडरवेट होती हैं। इसके बाद वेबिनार का भी आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता डा. शंभू शरण प्रसाद ने पोषण स्वास्थ्य एवं बालिका सुरक्षा से संबंधित गूढ़ बातों को छात्राओं को सहज एवं सरल तरीके से समझाया। बताया कि जीरो साइज रखने वाली 80 फीसद महिलाएं कुपोषित एवं अंडरवेट होती हैं। व्यक्ति की उम्र एवं उसके कामकाज का तरीका उपापचय दर का महत्वपूर्ण निर्धारक है। बालिकाओं को अपने भोजन में संतुलित भोजन को महत्व देना चाहिए। प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, मिनरल्स की आवश्यक मात्रा उनके स्वस्थ इन सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने छात्राओं के सवालों का जवाब देते हुए मोटे होने एवं पतले होने की जैविक प्रक्रिया को सरल शब्दों में समझाया। डा. सारिका सिंह ने भारतीय महिलाओं के पोषण के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी दी। गर्भावस्था के समय से ही पोषण के महत्व पर बल दिया। प्राचार्य डा. सविता भारद्वाज ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के साथ पोषण को लेकर होने वाले भेदभाव को रेखांकित किया तथा बताया कि शहर में आज कल नई पीढ़ी पौष्टिक भोजन ग्रहण नहीं करना चाहती। आपने प्रतिभागी छात्राओं से यह अपील की कि आप स्वाद के बजाय शरीर की जरूरत के अनुसार भोजन ग्रहण करें। प्रज्ञा रेंजर प्रभारी डा. शिव कुमार ने भारतीय घरों में बालिकाओं व महिलाओं के पोषण को सबसे कम महत्व देने की परंपरा की ओर ध्यान आकर्षित कराया। वर्तमान समय में महिलाओं एवं बालिकाओं की शिक्षा एवं कामकाज से जुड़ने के कारण उनमें संतुलित भोजन की महत्ता को रेखांकित किया। इस अवसर पर सोनालिका प्रजापति, सरिता यादव, दिव्यांशी श्रीवास्तव, रिद्धि सिंह आदि ने अपने सवालों के माध्यम से कार्यक्रम को रोचक एवं जीवंत बनाए रखा। नोडल अधिकारी डा. अमित यादव ने आभार व्यक्त करते हुए पोषण और स्वास्थ्य को बालिकाओं के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का आधार माना। कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं एवं प्राध्यापकों ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया।