15 हजार बीघे खेतों में भरा है पानी, संकट में रबी फसल की बोआई
जागरण संवाददाता लौवाडीह(गाजीपुर) क्षेत्र के लगभग 15 हजार बीघे से अधिक खेतों में अब तक मगई नदी का पानी भरा है। वहीं पांच हजार बीघे खरीफ की फसल नष्ट हो चुकी है। लौवाडीह जोगामुसाहिब सियाड़ी राजापुर परसा रघुवरगंज महेन्द सरदरपुर मसौनी आदि गांवों खेती चौपट हो चुकी है। मगई नदी का पानी कम न होने के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। कई जगहों पर अब तक नदी में जाल लगा है। इसके चलते पानी का प्रवाह रुक गया है। रबी फसल की बोआई संकट में है।
जागरण संवाददाता, लौवाडीह(गाजीपुर) : क्षेत्र के लगभग 15 हजार बीघे से अधिक खेतों में अब तक मगई नदी का पानी भरा है। वहीं पांच हजार बीघे खरीफ की फसल नष्ट हो चुकी है। लौवाडीह, जोगामुसाहिब, सियाड़ी, राजापुर, परसा, रघुवरगंज, महेन्द, सरदरपुर, मसौनी आदि गांवों खेती चौपट हो चुकी है। मगई नदी का पानी कम न होने के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। कई जगहों पर अब तक नदी में जाल लगा है। इसके चलते पानी का प्रवाह रुक गया है। रबी फसल की बोआई संकट में है।
मगई नदी का पानी खेतों में अभी भी जस का तस है। इससे करइल समेत मुहम्मदाबाद तहसील के कई गांवों के किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके हैं। पानी घटने के बजाय बढ़ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है मगई में लगे जाल जो नदी के प्रवाह में बाधा उत्पन्न कर रहा है। दूसरी तरफ शारदा नहर से पानी भी छोड़ा जा रहा है। सिवान में पानी फैलने से धान, बाजरा व सब्जी की फसल बर्बाद हो चुकी है। यह क्षेत्र दलहनी फसलों के लिए काफी उपजाऊ माना जाता है। ऐसे में इन फसलों की बोआई का मात्र एक सप्ताह बचा है। दो महीने से पहले बोआई संभव नहीं है। ऐसे में एक बड़ा मैदानी इलाका खेती विहीन हो जाएगा। प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई न किये जाने से आक्रोशित किसानों ने 10 अक्टूबर को करीमुद्दीनपुर-बलिया मार्ग पर चक्का जाम कर दिया था। उसके बाद उपजिलाधिकारी मुहम्मदाबाद राजेश गुप्ता मौके पर पहुंचकर जाल हटवाने का निर्देश दिया। उसके बाद मत्स्य पालन अधिकारी चंद्रभान राम द्वारा 18 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई लेकिन उसके बाद अधिकारी मौन हो गए। जाल फिर से लगा दिए गए। अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न किये जाने से राजापुर के ग्राम प्रधान अश्वनी राय ने हाईकोर्ट में अवमानना का वाद दायर किया। जिस पर हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी से 19 नवंबर तक जबाब देने को कहा है। वर्ष 2016 में हाईकोर्ट ने अक्टूबर में पानी न छोड़े जाने का निर्देश दिया गया था जिसे ताक पर रखकर शारदा पंप कैनाल से इस माह में अनवरत पानी छोड़ा गया।