राष्ट्रपति ने पार्थ को दिया रोवर्स पुरस्कार
सादात (गाजीपुर) : ..मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं हो
सादात (गाजीपुर) : ..मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसले से उड़ान होती है। इसका उदाहरण है क्षेत्र के मिर्जापुर गांव निवासी छात्र पार्थ। समता इंटर कालेज में राजनीतिशास्त्र के प्रो. विजयबहादुर सिंह के पुत्र पार्थ को बीते सोमवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में 2014-15 के रोवर्स पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस दौरान राष्ट्रपति ने कुल 64 लोगों को सम्मानित किया लेकिन पूरे देश में रोवर्स के रूप में एकमात्र पुरस्कार पार्थ को मिला है। दक्षिण अफ्रीका के युगांडा में होने वाले जम्बुरी कैंप में भारत से सिर्फ पार्थ का चयन किया गया है। गुरुवार को पार्थ घर आए तो परिवार के लोग खुशी से झूम उठे। 'जागरण' को पार्थ ने बताया कि सोमवार उनके जीवन का अहम दिन था। मेरी मां सुशीला देवी का सपना था कि मेरा चयन रोवर्स पुरस्कार के लिए हो। मां ने भी वर्ष 1995 में रेंजर्स के लिए केरल में उप्र का नेतृत्व किया था। उन्हीं की प्रेरणा से मुझे यह पुरस्कार मिला है। बताया कि सम्मान देने के बाद राष्ट्रपति ने चार मंत्र दिए कि प्रसन्न रहो, कोशिश करो, तैयार रहो व देश की सेवा करो। उनके यह शब्द मुझे हमेशा याद रहेंगे।
बचपन से ही मेधावी
सादात : पार्थ बचपन से ही मेधावी हैं। वह सैदपुर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में बीटीसी द्वितीय सेमेस्टर के छात्र हैं। वर्ष 2007 में इंटरमीडिएट में बापू इंटर कालेज में विज्ञान पुरस्कार प्राप्त करने वाले पार्थ को वर्ष 2008 में राज्यपाल टीबी राजेश्वर ने प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट का पुरस्कार प्रदान किया था। गाजीपुर स्थित पीजी कालेज में 2012 में पढ़ाई के दौरान हाइड्रोफोनिक कृषि जलीय खेती पर अपना शोध प्रस्तुत करने पर इन्हें मंत्री ओमप्रकाश सिंह सम्मानित किए थे।