योग गुरु बनकर रमनीश वत्स ने हासिल की कामयाबी
योग न सिर्फ शरीर को रोगों से दूर रखता है, बल्कि इसमें पारंगत होकर आप योग के क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं। 31 साल के रमनीश ने बचपन में जब योग सीखना शुरू किया था तो आसपास के लोग उनका मजाक उड़ाते थे। मगर उन्हें योग के खूबियों के साथ खुद पर भी विश्वास था। आज वह कई मंत्रियों को योग सिखाते हैं। हाल में उन्हें सुरक्षा बलों को योग सिखाने के लिए भी बुलाया गया था।
आयुष गंगवार, गाजियाबाद
योग न सिर्फ शरीर को रोगों से दूर रखता है, बल्कि इसमें पारंगत होकर आप योग के क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं। 31 साल के रमनीश ने बचपन में जब योग सीखना शुरू किया था तो आसपास के लोग उनका मजाक उड़ाते थे। मगर उन्हें योग के खूबियों के साथ खुद पर भी विश्वास था। आज वह कई मंत्रियों को योग सिखाते हैं। हाल में उन्हें सुरक्षा बलों को योग सिखाने के लिए भी बुलाया गया था।
पटना के मूल निवासी रमनीश वत्स गोविंदपुरम के केशवकुंज में रहते हैं। उन्होंने सात साल की उम्र में योग करना शुरू किया था। रिश्तेदारों और जानने वालों ने उस समय कहा था कि इसे करने से क्या होगा, मगर पिता रामनंदन प्रसाद ¨सह ने रमनीश का सहयोग किया। 12वीं के बाद उन्होंने देव संस्कृति विश्वविद्यालय से योग विज्ञान एवं मानव उत्कर्ष में स्नातक किया। इस दौरान उन्होंने 2003 से लेकर 2006 तक भागलपुर, पटना, हरिद्वार और बनारस में हुई नेशनल योगा चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके बाद योग के क्षेत्र में ही अपना करियर बना लिया। 2005 से उन्होंने प्रोफेशनल योग गुरु के रूप में योगासन सिखाने की शुरुआत की। मंत्रियों को सिखाते हैं योग
पहले योग दिवस पर दिल्ली में हुए कार्यक्रम में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को योग सिखाया। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा और गिरिराज ¨सह समेत कई मंत्रियों और राजनेताओं को योग सिखाते हैं। जून में ही उन्होंने श्रीनगर में सीआरपीएफ की 44वीं व 21वीं बटालियन और डिब्रूगढ़ स्थित 171वीं बटालियन में कैंप लगाकर जवानों को योग सिखाया। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के तेजू में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की 25वीं बटालियन को भी योगासन सिखाए। बने ब्रैंड एंबेस्डर
रमनीश की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें आयुर्वेद की एक बड़ी कंपनी ने अपना ब्रैंड एंबेस्डर बनाया है। वह योग को लेकर कई आर्टिकल भी लिखते हैं और विभिन्न प्रोग्राम में पैनलिस्ट की भूमिका निभाते हैं। नेपाल में भारतीय दूतावास द्वारा तीसरे योग दिवस पर प्रकाशित योग संदेश में भी रमनीश का लेख शामिल किया गया है।