यमुना का जलस्तर घटा, फिर भी खतरे के निशान से ऊपर
हरियाणा के हथनीकुंज बैराज से छोडे़ गए लाखों कयूसेक पानी ने अधिकारियों की ¨चता बढा़ दी थी लेकिन यमुना का जलस्तर अब धीरे-धीरे घटने लगा है। जलस्तर घटने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। हालांकि अभी भी यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
संवाद सहयोगी, लोनी (गाजियाबाद): यमुना का जलस्तर अब धीरे-धीरे घटने लगा है। जलस्तर घटने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। हालांकि अभी भी यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उपजिलाधिकारी सतेंद्र कुमार ¨सह ने बताया कि बीते एक सप्ताह के दौरान हथनीकुंज बैराज से यमुना में करीब छह लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे यमुना का जलस्तर काफी बढ़ गया था। पचायरा गांव स्थित ¨सचाई विभाग की बाढ़ नियंत्रण चौकी पर खतरे का निशान 209 मीटर पर है। सोमवार शाम यमुना का जलस्तर 209.50 सेंटीमीटर था, मंगलवार सुबह यह जलस्तर बढ़ कर 210.70 पर पहुंच गया। शाम छह बजे जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज कर गई। शाम छह बजे यमुना का जलस्तर अधिकारियों ने 210.55 होना बताया है। हालांकि यमुना नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। जलस्तर के बढने के बाद से यमुना नदी के किनारे बसे बदरपुर, इलायचीपुर, हरमपुर, अल्लीपुर व पचायरा गांव के किसानों की हजारों बीघा फसल नष्ट हो गई है।