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यादव सिंह दो दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर

सीबीआइ कोर्ट परिसर से सोमवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए गए नोएडा टेंडर घोटाले के मुख्य आरोपित यादव सिंह को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में सीबीआइ की टीम ने अर्जी देकर आरोपित यादव सिंह का सात दिन पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा जिसका बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जमकर विरोध किया। वहीं अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपित का 4

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 07:51 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 07:51 PM (IST)
यादव सिंह दो दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर
यादव सिंह दो दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सीबीआइ कोर्ट परिसर से सोमवार को 29 निजी फर्मो को लाभ पहुंचाने के एक अन्य मामले में सीबीआइ द्वारा सोमवार को गिरफ्तार किए गए नोएडा टेंडर घोटाले के मुख्य आरोपित यादव सिंह को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में सीबीआइ की टीम ने अर्जी देकर आरोपित यादव सिंह का सात दिन पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा, जिसका बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जमकर विरोध किया। वहीं, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपित का 48 घंटे पुलिस कस्टडी रिमांड की मंजूर किया है। अब सीबीआइ की टीम 13 फरवरी को शाम पांच बजे आरोपित को अदालत में पेश करेगी।

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मंगलवार दोपहर बाद दिल्ली सीबीआइ ब्रांच की टीम आरोपित यादव सिंह को लेकर सीबीआइ की विशेष अदालत पहुंची। सीबीआइ ने आरोपित को पेश कर कोर्ट से उसका सात दिन पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा, जिसमें सीबीआइ ने दलीलें दी कि उन्हें यादव सिंह को रिमांड पर लेकर केस के संबंध में पूछताछ करनी है और संबंधित दस्तावेज जुटाने है। वहीं, बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि यादव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से पहले ही तीन अन्य मामलों में जमानत मिल चुकी है, जिसके बाद भी सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार किया है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपित यादव सिंह का 48 घंटे का पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया है।

सीबीआइ से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2007 से 2012 के बीच यादव सिंह नोएडा प्राधिकरण में मुख्य अभियंता के तौर पर तैनात था। इस बीच उसने 29 निजी फर्माें को लाभ पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये के टेंडर स्वीकृत किए थे। इनमें कई फर्म ऐसी थी, जो उसके परिवार के सदस्यों और दोस्त संजय गुप्ता और संजय शर्मा, जावेद के नाम रजिस्टर्ड थी। आरोप है कि यादव सिंह ने प्राधिकरण में रहते हुए सभी फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें गलत तरीके से टेंडर जारी किए थे। इससे सरकार को 79 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस मामले में सीबीआइ की दिल्ली ब्रांच ने हाई कोर्ट के आदेश पर 17 जनवरी 2018 को यादव सिंह, संजय शर्मा, संजय गुप्ता समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, जिसके बाद अब सीबीआइ ने इस मामले में आरोपित यादव सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। इसके अलावा यादव सिंह पर भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के तीन केस अदालत में विचाराधीन है, जिनमें उसे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। यादव सिंह पर पहले से चल रहे मामले

1 नोएडा अथॉरिटी में हुए 954 करोड़ रुपये के घोटाले में यादव सिंह समेत 11 आरोपित।

2 केबल मामले में लगभग 100 करोड़ रुपये का घोटाला, इसमें यादव सिंह समेत छह आरोपित।

3 आय से अधिक संपत्ति का मामला, जिसमें यादव सिंह के परिवार के अन्य सदस्य भी आरोपित हैं।


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