वे¨ल्डग तकनीक पर प्रस्तुत हुए 32 शोध पत्र
नॉलेज पार्क स्थित एनआइईटी कॉलेज में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का विषय वे¨ल्डग तकनीकी और अनुसंधान क्षेत्र में विकास था। कार्यक्रम का उद्देश्य अग्रिम वे¨ल्डग तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले प्रोफेसर, शोधकर्ता व विचारकों को एक मंच पर लाना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रवीण सुनेजा थे। कार्यक्रम में शोधकर्ताओं ने
जासं, ग्रेटर नोएडा :
नॉलेज पार्क स्थित एनआइईटी कॉलेज में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का विषय वे¨ल्डग तकनीकी और अनुसंधान क्षेत्र में विकास था। कार्यक्रम का उद्देश्य अग्रिम वे¨ल्डग तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले प्रोफेसर, शोधकर्ता व विचारकों को एक मंच पर लाना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रवीण सुनेजा थे। कार्यक्रम में शोधकर्ताओं ने 84 शोध पत्र भेजे। 32 शोधपत्रों को प्रस्तुति के लिए चुना गया। प्रवीण सुनेजा ने कहा कि इंडस्ट्री में वे¨ल्डग की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा एक प्रेशर टैंक में होने वाला रिसाव हजारों लोगों की जान ले सकता है। कोई भी बड़ा स्ट्रक्चर बिना वे¨ल्डग के नहीं बन सकता। इस लिए तकनीकी की बारीकियों को समझना आवश्यक है। डा. अपूर्व शर्मा ने माइक्रोवेव वे¨ल्डग के माध्यम से पाइपों को जोड़ने की तकनीकी को विद्यार्थियों के साथ साझा की। डा. सचिन महेश्वरी ने वे¨ल्डग तकनीक के क्षेत्र में आई उपलब्धियों व भविष्य में उनके उपयोग के बारे में बताया। कॉलेज के कार्यकारी उपाध्यक्ष रमन बत्रा ने वे¨ल्डग क्षेत्र में इनोवेशन की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कॉलेज के निदेशक डा. अजय कुमार, प्रो. प्रवीण पचौरी, प्रो. संजय गैरोला, डा. रेशम, डा. श्वेता नागा आदि लोग मौजूद थे।