खादी कलस्टर की शुरूआत के साथ ही मिलेगा एक हजार को रोजगार
जागरण संवाददाता गाजियाबाद रजापुर ब्लाक के गांव सादतनगर इकला में खादी का कलस्टर शुरू ह
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : रजापुर ब्लाक के गांव सादतनगर इकला में खादी का कलस्टर शुरू होगा। इससे आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांव के करीब एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। केंद्र सरकार की योजना स्कीम आफ फंड फार द जेनरेशन आफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज (स्फूर्ति) के साथ ही सीएस दिशा फाउंडेशन संस्था कार्य कर रही है।
केंद्र सरकार की स्फूर्ति योजना के तहत खादी कलस्टर के लिए दिशा फाउंडेशन संस्था ने योजना के तहत सादतनगर इकला में भूमि चिह्नित कर 15 वर्षो के लिए लीज पर लिया है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला खादी कलस्टर है। पांच करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले खादी कलस्टर में केंद्र सरकार की ओर से 90 फीसद की सब्सिडी है, जबकि 10 फीसद की लागत दिशा फाउंडेशन संस्था वहन करेगी। केंद्र सरकार से फंड जारी होने के साथ ही इसका निर्माण का कार्य शुरू होने के साथ ही इससे मशीनें व अन्य उपकरण खरीदे जाएंगे। योजना के तहत कुल 973 लोगों को रोजगार मिलेगा, जिनमें 769 महिलाएं व 204 पुरुष होंगे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यहां माल तैयार करने के लिए लोगों को सभी सुविधाएं मिलेंगी।
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काम करने वाले खुद होंगे मालिक
खादी कलस्टर में काम करने वाले यहां नौकर या कारीगर नहीं, बल्कि मालिक की तरह होंगे। वह यहां माल तैयार कर कहीं दूसरी जगह ले जाकर बेच सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार व दिशा फाउंडेशन की ओर से एक प्लेटफार्म मुहैया कराया जाएगा, जिसमें वह यहां कच्चा माल लाकर यहां माल तैयार कर बेच सकते हैं। कारीगरों के अलावा सीखने की चाह रखने वालों को भी यहां निश्शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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बुनकरों के हुनर को बचाने का प्रयास
केंद्र सरकार की ओर से खादी ग्रामोद्योग की इस योजना के तहत यहां बुनकरों के हुनर को जिदा रखने का एक प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत बुनकरों को काम मिलेगा और वह कच्चा माल लाकर यहां से कपड़ा तैयार कर बेच सकते हैं। अगले छह माह में खादी कलस्टर तैयार होने की पूरी उम्मीद है।
- उदिता त्यागी, अध्यक्ष सीएस दिशा फाउंडेशन संस्था
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प्रदेश सरकार की ओर से खादी कलस्टर योजना के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। केंद्र सरकार से इस प्रोजेक्ट का पास होना बाकी है, जो इसी माह पास होने की उम्मीद है। इससे बेरोजगार हो चुके बुनकरों को रोजगार की नई राह मिलेगी।
- संजय कुमार, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी