उद्योग बंद फिर प्रदूषण का जिम्मेदार कौन?
बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर दिवाली से गाजियाबाद की औद्योगिक इकाईयां दो नवंबर तक बंद रखने के आदेश हैं। इंडस्ट्रीज बंद होने के साथ ही 70 प्रतिशत से अधिक लेवर अपने घरों पर हैं लेकिन प्रदूषण है कि घटने के बजाए लगातार बढ़ रहा है। प्रदूषण के लिए जिम्मेदार आखिर कौन है इसके कारण तलाशने के लिए इपीसीए (पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण) कमेटी ने इंडस्ट्रियल एरिया में इकाईयों का डाटा जुटाना शुरू किया है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर दिवाली से गाजियाबाद की औद्योगिक इकाइयां दो नवंबर तक बंद रखने के आदेश हैं। इंडस्ट्रीज बंद होने के साथ ही 70 प्रतिशत से अधिक लेवर अपने घरों पर हैं, लेकिन प्रदूषण है कि घटने के बजाए लगातार बढ़ रहा है। प्रदूषण के लिए जिम्मेदार आखिर कौन है इसके कारण तलाशने के लिए ईपीसीए (पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण) कमेटी ने इंडस्ट्रियल एरिया में इकाईयों का डाटा जुटाना शुरू किया है।
देश में वायु प्रदूषण के मामले में पहले पायदान पर चल रहे गाजियाबाद को लेकर इपीसीए गंभीर है। प्रदूषण के लिए जिम्मेदार मानी जा रही जिले की औद्योगिक इकाई पांच दिनों से बंद होने के बावजूद हालात में कहीं सुधार नहीं है। इंडस्ट्रीज बंद होने की सूरत में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के लिए आखिर अब जिम्मेदार कौन है? इसके लिए इपीसीए कमेटी ने इंडस्ट्रियल एरिया से लेकर कहां, किस प्रकार की इंडस्ट्रीज हैं इसका डाटा जुटाना शुरू कर दिया है। इसके लिए इपीसीए कमेटी की ओर से जिला उद्योग केंद्र से औद्योगिक क्षेत्र व इकाइयों से संबंधित डाटा मांगा गया है। इसमें जिले के औद्योगिक क्षेत्र, कहां स्थित हैं और इसमें कितनी व किस प्रकार की इंडस्ट्रीज हैं। इनमें किस तरह का ईंधन इस्तेमाल और ईंधन जलाने की कितनी क्षमता है। प्रदूषण विभाग से किस स्तर पर इंडस्ट्रीज ने प्रमाण प्राप्त किया है। कौन सी इंडस्ट्रीज किस तरह का प्रदूषण फैलाती है। इस पूरे मामले में एक रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके आधार पर सर्वे कर प्रदूषण फैलाने वाले कारक एवं कारण तलाशे जाएंगे। इस संबंध में जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त बीरेंद्र कुमार ने बताया कि मांगी गई रिपोर्ट के आधार पर डाटा मुहैया कराया जा रहा है।