सोसायटी और कॉलोनियों में लगाएं गीले कूड़े से खाद बनाने का संयंत्र
नगर निगम सभागार में शनिवार को आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों को सोसायटी और कॉलोनियों में गीले कूड़े से खाद बनाने का संयंत्र लगाने को कहा गया। भंडारे में प्लास्टिक व थर्माकोल की पत्तल दौने और ग्लास का उपयोग न करने को कहा गया। सुझाव दिया गया कि स्टील के बर्तनों का बैंक बनाया जाए। हर बार भंडारें में बर्तन बैंक के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाए। आरडब्यूए पदाधिकारियों ने इसका समर्थन किया। आरडब्लयूए की तरफ से निगम अधिकारियों को सुझाव दिया गया कि खुले में कूड़ा डंप करने के बजाए भूमि भरण स्थल (लैंडफिल साइंड) बनाए जाएं। मेयर ने बताया कि ये कार्य किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नगर निगम सभागार में शनिवार को आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों को सोसायटी और कॉलोनियों में गीले कूड़े से खाद बनाने का संयंत्र लगाने को कहा गया। भंडारे में प्लास्टिक व थर्माकोल की प्लेट, दौने, कप और ग्लास का उपयोग न करने को कहा गया। सुझाव दिया गया कि स्टील के बर्तनों का बैंक बनाया जाए। हर बार भंडारे में बर्तन बैंक के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाए। आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने इसका समर्थन किया। आरडब्ल्यूए की तरफ से निगम अधिकारियों को सुझाव दिया गया कि खुले में कूड़ा डंप करने के बजाए भूमि भरण स्थल (लैंडफिल साइट) बनाई जाएं। मेयर ने बताया कि ये कार्य किया जा रहा है।
मेयर आशा शर्मा की अध्यक्षता में आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों के साथ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर बैठक हुई। इसमें नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों को नगरीय ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन और हथालन) नियम 2000, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016 और उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा अध्यादेश-2018 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया कि प्लास्टिक कैरी पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। इसके अलावा प्लास्टिक और थर्माकोल की चम्मच, दौना, कप और प्लेट का उपयोग भी पूर्ण प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि सभी मिलकर बर्तन बैंक बना सकते हैं। भंडारे और सार्वजनिक आयोजनों में बर्तन बैंक के बर्तनों को उपयोग किया जा सकता है। आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों से कहा कि वह अपनी सोसायटी में स्त्रोत पर गीला, सूखा और हानिकारक कूड़ा अलग करने के लिए लोगों को प्रेरित करें। गीले कूड़े से खाद बनाने के लिए प्रत्येक सोसायटी और कॉलोनी में संयंत्र लगाएं। उन्होंने बताया कि दो साल का वक्त देने के बावजूद किसी सोसायटी या कॉलोनी ने ऐसा नहीं किया है। अब ऐसा न करने पर कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि निगम अपने स्तर पर गीले कूड़े से खाद बनाने का पूरा प्रयास कर रहा है। पार्कों में एरोबिक पद्धति से खाद बनाने के लिए 280 लोहे के जाल लगवाए गए हैं। 20 हजार लीटर तरल खाद बनाई जा रही है। जल्द इस खाद को सस्ती दरों पर बेचा जाएगा। बैठक में आरडब्ल्यूए फेडरेशन गाजियाबाद के चेयरमैन कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने नगर आयुक्त के सभी सुझावों पर सहमति जताई। साथ ही उन्हें सुझाव दिया कि कूड़े को खुले में डंप नहीं किया जाए। भूमि भरण स्थल बनाए जाएं। उससे कूड़े से खाद बन जाएगी। बदबू की समस्या भी खड़ी नहीं होगी।