आचार सहिता के चलते दस दिन पहले शब्बर ने जमा कराई थी रायफल
राजनीति में सक्रिय रहने और प्रॉपर्टी डीलिग का कारोबार करने के चलते बसपा नेता शब्बर जैदी को जान को खतरा महसूस हो रहा था। जिसके लिए उन्होंने लाइसेंसी राइफल ली हुई थी। वह अक्सर राइफल साथ रखते थे लेकिन आचार सहिता के चलते दस दिन पूर्व उन्होंने राइफल को जमा कर दिया था। परिजनों का कहना है कि यदि राइफल साथ होती तो हमला टल सकता था। हत्यारे उनके राइफल जमा करने का इंतजार कर रहे थे। मौका देखकर उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया।
अजय सक्सेना, लोनी : राजनीति में सक्रिय रहने और प्रॉपर्टी डीलिग का कारोबार करने के चलते बसपा नेता शब्बर जैदी को जान के खतरा का आभास था। सुरक्षा के लिए उन्होंने लाइसेंसी रायफल ली हुई थी। वह अक्सर रायफल साथ रखते थे, लेकिन आचार संहिता के चलते दस दिन पूर्व उन्होंने रायफल को जमा करा दिया था। परिजनों का कहना है कि यदि रायफल साथ होती तो हमला टल सकता था। हत्यारे उनके रायफल जमा करने का इंतजार कर रहे थे। मौका देखकर उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया।
गाजियाबाद का लोनी क्षेत्र नेताओं के लिए संवेदनशील माना जाता है। अधिकांश नेताओं ने अपनी सुरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार लिए हुए हैं। पूर्व विधायक, क्षेत्रीय विधायक, पूर्व चेयरमैन, वर्तमान चेयरमैन के काफिले में आठ से दस गनर देखने को मिलते हैं। आदर्श आचार सहिता के मद्देनजर अधिकांश लोगों के हथियार अधिकारियों द्वारा जमा करा लिए गए हैं। शब्बर जैदी के परिजन ने बताया कि कुछ समय पूर्व उन्होंने लाइसेंस बनवाकर रायफल ली थी लेकिन दस दिन पूर्व ही रायफल को थाने में जमा कर दिया था। इस दौरान उन्होंने पुलिस से अपनी जान को खतरा जताते हुए रायफल जमा कराने से इंकार भी किया था। आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया था। परिजन का आरोप है कि शस्त्र जमा होने के बाद लाइसेंस धारकों की जान की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है। प्रशासन की लापरवाही के कारण शब्बर जैदी की हत्या को अंजाम दिया गया है।
उपजिलाधिकारी आदित्य कुमार प्रजापति का कहना है कि शहर के प्रत्येक नागरिक के जीवन की जिम्मेदारी प्रशासन की है। उन्होंने लोगों की सुरक्षा में चूक होना स्वीकार किया है। उनका कहना है कि पुलिस को निर्देश देकर शहर में गश्त बढ़ाई जाएगी। जिससे आए दिन हो रही वारदातों पर अंकुश लग सके।
घटना के बाद कालोनी में पसरा मातम
शब्बर जैदी की हत्या के बाद से परिवार में मातम पसरा हुआ है। उधर, घटना की जानकारी मिलने पर सैकड़ों लोग एकत्र हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजने का प्रयास किया लेकिन लोग विरोध करने लगे। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को समझाकर शांत किया। करीब आधा घंटे बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी। घटना से परिवार में गम का माहौल है। उनके घर समर्थकों और रिश्तेदारों का तांता लगा है। कालोनी के लोगों का कहना है कि शब्बर जैदी अच्छे इंसान थे। वह जरूरतमंदों की मदद करते थे।