10वीं, 12वीं कक्षा का परिणाम आज, इरादे रखें मजबूत
जासं गाजियाबाद यूपी बोर्ड की परीक्षाओं का परिणाम शनिवार को यानि आज आने वाला है। विद्याथी
जासं, गाजियाबाद : यूपी बोर्ड की परीक्षाओं का परिणाम शनिवार को यानि आज आने वाला है। विद्यार्थी इसको लेकर उत्साहित हैं। शिक्षकों और मनोचिकित्सकों का कहना है कि जीवन में सफलता और विफलता लगी रहती है। यदि कोई असफल हो जाता है या कम नंबर आते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि उसका भविष्य ही रुक गया। अपने इरादे मजबूत रखें, जीवन में कामयाबी आपके कदम चूमेगी।
यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट और हाईस्कूल की परीक्षा देने वाले करीब 52 हजार परीक्षार्थियों को रिजल्ट का इंतजार है। इनमें से 22,855 इंटरमीडिएट और 29,333 हाईस्कूल के छात्र-छात्राएं शामिल हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने एक दो परीक्षाएं छोड़ दी हैं या किसी कारणवश छूट गई है। सभी परीक्षार्थियों को रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है।
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कम नंबर प्राप्त करने वाले भी बनते हैं आइएएस, पीसीएस
परीक्षा का परिणाम जो भी हो, बच्चों को पहले से ही समझा दें कि वह उनके हर परिणाम के साथ हैं। बच्चे का धैर्य बनाए रखें। बच्चा फेल हो जाता है या कम नंबर भी आते हैं तो उसका समर्थन करें। कितने ही कम नंबर से इंटर हाईस्कूल पास करने वाले छात्रों ने सिविल सर्विस में अच्छी रैंक हासिल की हैं। विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है। बच्चे का करियर या भविष्य इंटर और हाईस्कूल की परीक्षा पर निर्भर नहीं करता। निर्भर करता है तो बच्चे की लगन, मेहनत और अभिभावकों का समर्थन।
- रवि दत्त शर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक
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करियर के रास्ते अपार
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि जिन बच्चे के कम नंबर हैं उनका करियर या भविष्य अच्छा नहीं होगा। कम नंबर वालों के लिए भी करियर के रास्ते अपार हैं। पढ़ाई करने के लिए कोई संस्थान बुरा नहीं होता। पढ़ाई कहीं से भी करो लगन और मेहनत हो तो अच्छा करियर बनाया जा सकता है।
-देव कुमार, प्रिंसिपल, सनातन धर्म इंटर कॉलेज
सलामत रहें हौसला रखे, जिदगी भर मौके ही मौके
मनोचिकित्सक डॉ. अनिल विश्वकर्मा का कहना है कि शनिवार को रिजल्ट आने वाला है। किसी भी परीक्षा के दो ही परिणाम होते हैं। पास या फेल। अच्छे नंबर से पास हुए तो अच्छा और किसी कारणवश फेल हो गए तो भी कोई बुरा नहीं। हौसला रखे दोबारा से उसी पढ़ाई को पढ़ेंगे तो नींव मजबूत होगी जो कितनी ही प्रतियोगी परीक्षाओं में या आगे जीवन में काम आएगी। एक ही क्लास की दो बार पढ़ाई करना आपका आने वाले समय में एक साल बचा सकता है। जो लोग मेडिकल, एनडीए, आइआइटी या अन्य किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो वह इतनी बेहतर हो जाएगी कि बाद में तैयारी की जरूरत ही नहीं होगी। अपने एक साल के समय का बेहतर सदुपयोग करें। फेल होने से कई लोगों की जिदगी बदलती देखी हैं। उस समय तो बुरा लगता है कि फेल हो गए, लेकिन फेल होकर कई लोगों की जिदगी बदल गई। एक साल में ही जो रास्ते पहले नहीं थे वो खुल गए। जरूरत है तो धैर्य की। कभी भी फेल होकर गलत कदम उठाकर कायरता सिद्ध न करें। ठान लें कि फेल हुए तो क्या जीवन में कुछ करके दिखाएंगे। अपने इरादें मजबूत कर लें।