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जल प्रदूषण फैला रही औद्योगिक इकाइयों को 15 दिन का अल्टीमेटम

जल प्रदूषण फैला रही जनपद की औद्योगिक इकाईयों को इटीपी (इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट) संयंत्र संचालित करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। इस बार निरीक्षण के दौरान किसी इकाई में इटीपी संचालित न होने पर सीलिग की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। यह काम जल प्रदूषण या जिला उद्योग केंद्र की टीम के अलावा जिलाधिकारी की देखरेख में जिला स्तरीय कमेटी भी करेगी। इस बार कार्यवाही होने पर ऐसी इकाईयों पर हमेशा के लिए ताला पड़ेगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 08:50 PM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 08:50 PM (IST)
जल प्रदूषण फैला रही औद्योगिक इकाइयों को 15 दिन का अल्टीमेटम
जल प्रदूषण फैला रही औद्योगिक इकाइयों को 15 दिन का अल्टीमेटम

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जल प्रदूषण फैला रही जनपद की औद्योगिक इकाइयों को ईटीपी (इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट) संयंत्र संचालित करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। इस बार निरीक्षण के दौरान ईटीपी संचालित न होने पर सीलिग की कार्रवाई की जाएगी। यह काम जल प्रदूषण या जिला उद्योग केंद्र की टीम के अलावा जिलाधिकारी की देखरेख में जिला स्तरीय कमेटी भी करेगी।

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जिला प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला उद्योग केंद्र ने संयुक्त रूप से जल प्रदूषण फैला रही इकाईयों के खिलाफ सख्त अभियान छेड़ दिया है। शुरूआत में एटीपी (जल शुद्धि यंत्र) लगी इकाईयों को सुचारू रूप से संचालित करने एवं इफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट न लगाने वाली इकाईयों को व्यवस्था बनाने के लिए 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है। 15 दिन के नोटिस का संज्ञान न लेने वाली लापरवाह इकाईयों के विरुद्ध प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला उद्योग केंद्र के अलावा प्रशासन की ओर से जिला स्तरीय टीम चिह्नित इकाईयों का औचक निरीक्षण करेंगी। यहां ईटीपी संचालित न पाए जाने पर ऐसी इकाइयों पर सीलिग की कार्रावाई अमल में लाई जाएगी। अधिकारियों की माने तो जल प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों की सीलिग के बाद इन्हें खोला नहीं जाएगा। बता दें कि पूर्व में भी ऐसी इकाईयों को कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से नोटिस जारी किए जा चुके हैं। वहीं, जल प्रदूषण फैला रही बड़ी इकाईयों को लखनऊ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से नोटिस भेजे जा रहे हैं। ये इकाइयां फैला रहीं जल प्रदूषण

गाजियाबाद जनपद में सर्वाधिक जल प्रदूषण फैलाने वाली बड़ी इकाईयों की बात करें तो करीब 350 से अधिक डिस्टलरी, स्लाटर हाउस, पेपर मिल, आरओ, कपड़ा रंगाई, टैक्सटाइल धागा सफाई, इलेक्ट्रो प्लेटिग आदि इकाइयां शामिल हैं। इनमें सर्वाधिक छोटी इकाइयां लोनी व बड़ी इकाईयों की बात करें तो मोदीनगर, गाजियाबाद के डासना, साहिबाबाद औद्योगिक इलाकों में हैं। जल प्रदूषण फैला रही इकाइयों को नियमानुसार ईटीपी लगाने के आदेश दिए गए थे। इन आदेशों का जिन इकाईयों ने पालन किया है उन्हें छोड़कर बाकी ऐसी सभी इकाईयों के खिलाफ जिला प्रशासन के साथ मिलकर संबंधित विभागों की ओर से कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। इसके लिए प्रशासन की ओर से जिला स्तरीय टीम भी ऐसी इकाईयों का निरीक्षण कर सीलिग की कार्यवाही करेगी। ईटीपी न लगे होने या जल प्रदूषण रोकने की व्यवस्था न मिलने पर इन इकाईयों को पूर्ण रूप से बंद करने के आदेश हैं।

- बीरेंद्र कुमार, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र


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