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कोरोना कॉल में विदा व आलोक ने किया सराहनीय कार्य

जागरण संवाददाता साहिबाबाद इंदिरापुरम की शिप्रा सनसिटी सोसायटी की अपार्टमेंट ऑनर्स एसोि

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 09:25 PM (IST)
कोरोना कॉल में विदा व आलोक ने किया सराहनीय कार्य
कोरोना कॉल में विदा व आलोक ने किया सराहनीय कार्य

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :

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इंदिरापुरम की शिप्रा सनसिटी सोसायटी की अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (एओए) से बोर्ड बैठक कर बोर्ड के सदस्य विदा चावरे व आलोक कुमार को रिटायर करने के निर्णय पर सोमवार को भी विरोध जारी रहा। सोसायटी की महिलाओं ने एओए दफ्तर पर पहुंचकर विरोध जताया। प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि विदा चावरे और आलोक कुमार ने कोरोना काल में बेहद सराहनीय काम किया है। उनका कहना है कि एओए के अन्य कई सदस्य ऐसे भी है जिनका लोग नाम तक नहीं जानते हैं। इन दोनों लोगों को एओए के बोर्ड से रिटायर करना बेहद निदनीय कदम है। 30 जून को शिप्रा सनसिटी सोसायटी के एओए का चुनाव हुए एक वर्ष पूरा हो रहा है। एओए एक्ट के मुताबिक आगामी चुनाव से पहले बोर्ड के एक तिहाई सदस्यों को रिटायर कर नए सदस्य शामिल करने होते हैं। रविवार को शिप्रा सनसिटी एओए ने बोर्ड बैठक कर एओए के सदस्य विदा चावरे और आलोक कुमार को रिटायर करने का निर्णय लिया। रविवार को जनरल बॉडी मीटिंग नहीं हुई थी। इससे सोसायटी के लोगों में आक्रोश है। रविवार को लोगों ने एओए दफ्तर पर भी जाकर विरोध जताया था। वहीं, एओए के अध्यक्ष ने भी बोर्ड को लिखित में दिया है कि वह आगामी चुनाव में बोर्ड का हिस्सा नहीं रहेंगे। एओए पर उठाए सवाल:

वहीं, विदा चावरे का कहना है कि कोरोना काल में एओए के अन्य सदस्य काम नहीं कर रहे थे तब वह आलोक कुमार के साथ मिलकर लोगों के घरों की बिजली, पानी, सफाई आदि की समस्या का समाधान कर रहीं थी। उन्होंने सोसायटी में सैनिटाइजेशन करवाया। बीते शनिवार को कोविड-19 चेकअप कैंप भी लगवाया था। विश्व पर्यावरण दिवस पर सोसायटी के आसपास पौधारोपण भी किया था। मजदूर दिवस पर एओए के दो कर्मचारियों को लोगों के सहयोग से साइकिल दिलवाई। विदा चावरे का कहना है कि बोर्ड में अपने जानकारों को शामिल करने के लिए उनका और आलोक कुमार का नाम हटाया गया है। यह राजनीति के तहत किया गया है। जिन लोगों को कम वोट मिले थे उन्हें रिटायर करना चाहिए था। बोर्ड में ऐसे लोग भी हैं जो सक्रिय नहीं है और सोसायटी के लोग उनका नाम तक नहीं जानते हैं। अभी तक जीबीएम का ऑडिटर भी नियुक्त नहीं किया गया है। बिना ऑडिटर के सदस्यों को रिटायर नहीं किया जा सकता है। तीन साल पहले ऑडिटर नियुक्त किए गए थे, वहीं ऑडिटर आज भी हैं। कोरोना के कारण जनरल बॉडी मीटिग कर ऑडिटर को नियुक्त नहीं किया जा सका है। बोर्ड बैठक में बहुमत से विदा चावरे और आलोक कुमार को रिटायर करने का निर्णय लिया गया है।

- शरद खंडेलवाल, एओए अध्यक्ष शिप्रा सनसिटी


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