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नए साल में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दौड़ सकेंगे वाहन

यूपी गेट से डासना तक के दूसरे चरण का काम 78 फीसद पूरा हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 07:45 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 07:45 PM (IST)
नए साल में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दौड़ सकेंगे वाहन
नए साल में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दौड़ सकेंगे वाहन

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के दोनों चरणों का काम इन दिनों तेजी से चल रहा है। यूपी गेट से डासना तक के दूसरे चरण का काम 78 फीसद पूरा हो गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने इस प्रोजेक्ट के शेष 22 फीसद कार्य को पूरा करने के लिए अब दिसंबर 2020 तक का समय निर्धारित किया है। इससे साफ हो गया है कि अगले साल ही एक्सप्रेस-वे पर वाहन दौड़ सकेंगे। एनएचएआइ के अफसरों का दावा है कि यूपी गेट से विजयनगर तक के हिस्से को 15 सितंबर तक वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। इस हिस्से में बचे हुए कार्यों को दिन-रात कराया जा रहा है। इसी हिस्से में नोएडा सेक्टर-62 मॉडल टाउन पर तैयार होने वाला एफओबी भी शामिल है। कोलंबिया एशिया अस्पताल और गंगाजल प्लांट कट के पास एफओबी बनाया जाना प्रस्तावित है। यूपी गेट से लाल कुआं तक एक्सप्रेस-वे पर दोनों तरफ फुटपाथ बनाया जा रहा है। साथ ही साइकिल ट्रैक भी तैयार हो रहा है । हरियाली के लिए छायादार और फलदार पेड़ भी लगाए जा रहे हैं।

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31 दिसंबर 2015 को शिलान्यास के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का पहला चरण निजामुद्दीन से यूपी गेट तथा तीसरा चरण डासना से हापुड़ ही पूरा हो पाया है। यूपी गेट से डासना तक 19.38 किलोमीटर के दूसरे चरण पर सबसे अधिक वाहनों का दबाव रहता है। 14 लेन के एक्सप्रेस-वे में बीच की तीन-तीन लेन एक्सप्रेस-वे की हैं, जबकि दोनों तरफ चार-चार लेन हाईवे की हैं। जरूरत छह हजार की, काम कर रहे हैं एक हजार मजदूर

दूसरे और चौथे चरण के काम के लिए जरूरत तो छह हजार मजदूरों की है, लेकिन एक हजार मजदूरों से काम कराया जा रहा है। कोशिशों के बाद भी मजदूर नहीं मिल रहे हैं। दूसरे चरण का काम केवल पांच सौ मजदूरों के सहारे तेजी से कराया जा रहा है। चौथे चरण में भी पांच सौ मजदूर ही काम कर रहे हैं। इस चरण में सड़क बनाने, चौड़ीकरण के अलावा फेंसिग और एफओबी निर्माण का कार्य भी शामिल है। बारिश और मजूदरों की कमी से धीमा हुआ काम

मानसून आने के साथ मजदूरों की संख्या कम होने से प्रोजेक्ट काम धीमा हो गया है। एनएचएआइ का दावा है कि आसपास के मजदूरों को रोज बुलाकर काम कराया जा रहा है। कुछ प्रशिक्षित मजदूरों को वापस बुलाने का प्रयास जारी है। खोड़ा, विजयनगर, चिपियाना, बम्हैटा, डूडाहेड़ा और महरौली से रोज सुबह को मजदूरों को उनकी माफिक मजदूरी पर लाया जा रहा है। चिपियाना आरओबी का गार्डर डलेगा जल्द

दूसरे चरण में चिपियाना आरओबी के गार्डर डालने की तैयारी चल रही है। रेलवे से इसके लिए अनुमति मांगी गई है। एनएचएआइ का दावा है कि अनुमति इस महीने के अंत तक मिल जाएगी। रेलवे ने इस आरओबी के स्लैब और फाउंडेशन तैयार करने की अनुमति दे दी है। इसका काम तेजी से किया जा रहा है। फाउंडेशन लगभग तैयार है। किसानों से वार्ता तेज

चौथे चरण के काम को आगे बढ़ाने के लिए किसानों से वार्ता तेज कर दी गई है। प्रशासन द्वारा किसानों को समझाया जा रहा है। जल्द ही किसान, एनएचएआइ और प्रशासन की अंतिम दौर की संयुक्त वार्ता होने वाली है। इस बैठक में किसानों द्वारा मांगे जा रहे मुआवजे को लेकर फाइनल रेट लिस्ट भी बन सकती है। डासना से मेरठ तक के चौथे चरण में मोदीनगर के कई गांवों के किसान अधिक मु्आवजे की मांग करते हुए बार-बार काम रोक रहे हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम तेज गति से चल रहा है। अगले साल तक एक्सप्रेस-वे पर वाहन दौड़ सकेंगे। दूसरे चरण का 78 फीसद काम पूरा हो गया है। दिसंबर तक बचे कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यूपी गेट से विजयनगर तक के हिस्से को 15 सितंबर तक वाहनों के लिए खोलने की तैयारी के अनुरूप ही काम कराया जा रहा है।

-मुदित गर्ग, डीजीएम एनएचएआइ


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