मेट्रो स्टेशनों के आसपास का बनेगा ट्रैफिक प्लान
दिलशाद गार्डन से नया बस कॉरिडोर पर मेट्रो संचालन शुरू होने से पहले स्टेशनों पर ट्रैफिक एंट्री और एग्जिट प्लान बनाया जाएगा। बुधवार को इस मसले पर डीएमआरसी से बैठक के बाद जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी है। जिसमें ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग, नगर निगम और डीएमआरसी के अधिकारी सदस्य रूप में रहेंगे। वीसी ने बताया कि मेट्रो संचालन से पहले यह प्ला¨नग नहीं की गई तो जीटी रोड पर ट्रैफिक अव्यवस्थित हो सकता है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दिलशाद गार्डन से नया बस कॉरिडोर पर मेट्रो संचालन शुरू होने से पहले स्टेशनों पर ट्रैफिक एंट्री और एग्जिट प्लान बनाया जाएगा। बुधवार को इस मसले पर डीएमआरसी से बैठक के बाद जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी है, जिसमें ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग, नगर निगम और डीएमआरसी के अधिकारी सदस्य रूप में रहेंगे।
वीसी ने बताया कि मेट्रो संचालन से पहले यह प्ला¨नग नहीं की गई तो जीटी रोड पर ट्रैफिक अव्यवस्थित हो सकता है। उसे रोकने के लिए पहले प्लान बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार यही व्यवस्था होती है। पार्किंग बनने में वक्त लगेगा। जिस स्टेशन के आसपास इस बीच जमीन मिल जाती है तो उस पर भी काम किया जाएगा।
यह कॉरिडोर 9.41 किलोमीटर लंबा है। इस पर शहीद नगर, राजबाग, राजेंद्र नगर, श्याम पार्क, मोहननगर, अर्थला, ¨हडन रिवर और नया बस अड्डा स्टेशन बनाए गए हैं। जीटी रोड के बीचोंबीच मेट्रो ट्रैक बनाया गया है। रोड के दोनों तरफ स्टेशन बने हुए हैं। सभी स्टेशनों पर प्रवेश और निकासी का रास्ता रोड पर ही है। इस कॉरिडोर पर मेट्रो रेल का ट्रायल चल रहा है। ऐसे में नवंबर में मेट्रो कॉरिडोर पर यह सेवा जनता के लिए शुरू हो जाएगी। जीडीए अधिकारियों का मानना है कि संचालन शुरू होने पर जीटी रोड पर स्टेशनों के आसपास ट्रैफिक अव्यवस्थित हो सकता है। किसी स्टेशन पर पार्किंग स्थल नहीं है, जहां लोग अपने वाहनों से आएंगे और मेट्रो पर चढ़ेंगे। इस स्थिति में ज्यादातर लोग रिक्शा, ऑटो और कैब से आएंगे। पीक ऑवर्स में इन वाहनों का जमघट लगने पर जीटी रोड पर जाम लगने का डर है। इस स्थति से बचने के लिए स्टेशनों पर ट्रैफिक एंट्री और एग्जिट प्लान बनाया जाएगा, जिससे ऐसी व्यवस्था बनाई जा सके कि यात्रियों को छोड़ने के बाद वाहन आसानी से निकल जाए। जीटी रोड पर उसका कोई प्रभाव न पड़े।
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परिवहन निगम की मदद से फीडर सेवा देने की योजना
मेट्रो फीडर बस सेवा नहीं शुरू करेगी। यह स्पष्ट हो गया है। बुधवार को बैठक में मंथन हुआ कि परिवहन निगम और परिवहन विभाग की मदद ली जाए। उनके सहयोग से बसों और ऑटो को फीडर सेवा का हिस्सा बना लिया जाए। परिवहन निगम से गुजारिश की जाएगी कि वह अपनी बसों का रूट कुछ इस तरह प्लान करें कि मेट्रो के यात्री अपने घर के करीब से उसका फायदा उठा सकें। घर के पास से बस में सवार होकर मेट्रो स्टेशन तक पहुंच सकें। परिवहन विभाग से ऑटो का रूट निर्धारित करने के लिए बात की जाएगी। ताकि, पूरे शहर की मेट्रो से कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा सकें। जीडीए इस बात पर भी मंथन कर रहा है कि कोई बात न बन पाई तो वह अपने स्तर से फीडर सेवा के लिए पहल करेगा।
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डीएमआरसी से पूछा अब तक कितनी लागत आई
इस कॉरिडोर को बनाने के लिए संशोधित डीपीआर में 2210 करोड़ रुपये की लागत बताई गई थी। अब इस कॉरिडोर पर काम पूरा होने की ओर है। जीडीए वीसी ने डीएमआरसी के अधिकारियों से पूछा है कि कॉरिडोर पूर्ण पर फाइनल कितनी लागत आ रही है। डीएमआरसी ने कहा कि वह एक सप्ताह में गणना कर इसका जवाब भेज देंगे। फिर उसके अनुसार आगे का भुगतान किया जाएगा।
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मेट्रो स्टेशनों के आसपास ट्रैफिक एंट्री और एग्जिट प्लान बनाने के लिए कमेटी गठित की गई है। मेट्रो का संचालन शुरू होने से पहले यह प्लान तैयार कर लिया जाएगा। इसके अलावा मेट्रो यात्रियों को फीडर सेवा उपलब्ध कराने के लिए परिवहन निगम और परिवहन विभाग से समन्वय किया जाएगा। पार्किंग में समय लगेगा। कमेटी में कई विभागों के अधिकारी होंगे। वह पार्किंग के लिए जमीन भी तलाशेंगे।
- कंचन वर्मा, वीसी, जीडीए