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अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए हुआ मंथन

भारत को 2024 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में बैंकिग प्रणाली का क्या योगदान हो सकता है। इस विषय को लेकर ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की मंडलीय मीट में डीजीएम एजीएम से लेकर ब्रांच व कलस्टर हेड ने अपने-अपने सुझाव रखे। वित्तीय सेवा विभाग की पहल पर बैंकिग क्षेत्र में तीन स्तरों पर बैठक की योजना बनाई गई है। इसी के तहत मंडल स्तरीय यह पहली बैठक थी। दूसरे चरण की बैठक लखनऊ में 22 व 23 अगस्त को होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 09:06 PM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 09:06 PM (IST)
अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए हुआ मंथन
अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए हुआ मंथन

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : भारत को 2024 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में बैंकिग प्रणाली का क्या योगदान हो सकता है। इस विषय को लेकर ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की मंडलीय मीट में डीजीएम, एजीएम से लेकर ब्रांच व कलस्टर हेड ने अपने-अपने सुझाव रखे। वित्तीय सेवा विभाग की पहल पर बैंकिग क्षेत्र में तीन स्तरों पर बैठक की योजना बनाई गई है। इसी के तहत मंडल स्तरीय यह पहली बैठक थी। दूसरे चरण की बैठक लखनऊ में 22 व 23 अगस्त को होगी।

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शहर के एक होटल हॉल में आयोजित ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की मंडलीय मीट का आयोजन किया गया, जिसमें गाजियाबाद व बुलंदशहर जनपद की 41 ब्रांच के शाखा प्रबंधकों ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सुझाव दिए, जिसमें मुख्य रूप से डिजिटल भुगतान को बढ़ाने, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कॉरपोरेट गवर्नेंस, भारत के एमएसएमई को ऋण, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रोद्योगिकी का उपयोग, रिटेल ऋण में एक बड़ा अवसर, कृषि ऋण, भारत में निर्यात ऋण, वित्तीय ग्रिड बनाने की आवश्यकता, पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थ व्यवस्था बनाने की दिशा में बैंक ऋण सक्षमता को लेकर सुझाव दिए गए। इस मौके पर बैंक के कार्यपालक निदेशक विजय दूबे ने बताया कि इसके बाद राज्य स्तरीय अगली मीट 22 व 23 अगस्त को लखनऊ में होगी। डीजीएम माणिक कुमार, एजीएम दुर्वेश कुमार गुप्ता, मुख्य प्रबंधक जीटी रोड ब्रांच जुगल किशोर गुप्ता के अलावा सभी ब्रांच व कलस्टर हेड मौजूद रहे।

एसबीआइ की बैंक मीट में दिए सुझाव : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया राजनगर शाखा के मुख्य प्रबंधक सीएस गौतम ने बताया कि बैंक मीट में बैंक को आगे के लिए रोडमैप लागू करने के लिए सुझाव दिए गए। वहीं, अपने प्रदर्शन में सुधार को लेकर मंथन हुआ, जिसमें एसएमई सेक्टर मुद्रा ऋण, डिजिटल बैंकिग, वित्तीय समावेशन, कृषि फार्मिंग, निर्यात ऋण एवं शिक्षा ऋण से संबंधित सुझाव मुख्य थे। इस बैठक का प्राथमिक उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में ऋण बढ़ाने, नवाचारों को लाने और बड़े डेटा विश्लेषणों को सक्षम करने के लिए, प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने और बैंकिग नागरिक-केंद्रित करने के साथ-साथ अधिक उत्तरदायी बनाने के तरीकों और तरीकों को पहचानना और अंतिम रूप देना था।


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