20 लाख का नुकसान हुआ है, कोई तो मेरी रिपोर्ट दर्ज कर लो
अजय सक्सेना इंदिरापुरम शिप्रा अंडरपास पर सीमेंट कंपनी के अकाउंटेंट से 20 लाख रुपये की
अजय सक्सेना, इंदिरापुरम : शिप्रा अंडरपास पर सीमेंट कंपनी के अकाउंटेंट से 20 लाख रुपये की लूट होने के बाद करीब तीन घंटे तक पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। गाजियाबाद और नोएडा पुलिस को पल्ला झाड़ते देखकर पीड़ित संदीप खेमका की आंखें भर आई और वह फुटपाथ पर जाकर बैठ गए। मौके पर पहुंचीं पुलिस क्षेत्राधिकारी से संदीप बोले साहब, मेरा 20 लाख का नुकसान हुआ है, कोई तो मेरी रिपोर्ट दर्ज कर लो।
मदद को बुलाई पुलिस, पुलिस ने उलझाया : संदीप खेमका का कहना है कि वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। तो सबसे पहले दिल में ख्याल आया कि किसी प्रकार पुलिस को सूचना दे दी जाए। जिससे पुलिस किसी प्रकार बदमाशों का पकड़ सके। लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर केस को सुलझाने के बजाय उलझा दिया। साढ़े चार बजे के करीब हुई घटना के बाद शाम करीब साढ़े सात बजे तक इंदिरापुरम और नोएडा पुलिस मामला एक दूसरे के क्षेत्र में बताती रही। नोएडा के थाना प्रभारी और एसीपी समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। वहीं इंदिरापुरम थाना प्रभारी और एसपी सिटी भी मौके पर पहुंचे। आला अधिकारियों के पहुंचने पर पीड़ित को पहले अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया।
पूर्व में हुई घटना : संदीप खेमका सीमा विवाद में उलझे पीड़ित नहीं हैं। 27 फरवरी को सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता रात करीब साढ़े 11 बजे जैसे-तैसे मसूरी थाने पहुंची थी। लेकिन पुलिस कार्रवाई की बजाय उसे चार घंटे तक घुमाती रही। बाद में घटना पिलखुवा क्षेत्र की बताकर वहां जाने को कहा। सुबह करीब साढ़े ती बजे हापुड़ पुलिस को सूचना दी गई थी। एसपी हापुड़ के निर्देश पर पिलखुवा पुलिस ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज की थी। गाजियाबाद पुलिस बार्डर क्षेत्रों की वारदातों को अक्सर दिल्ली का बताकर पल्ला झाड़ लेती है। हालांकि एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही लुटेरे गिरफ्त में होंगे।
पूर्व कर्मचारियों और जानकारों पर शक: इंदिरापुरम पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के साथ ही पीड़ित अकाउंटेंट की काल डिटेल्स भी खंगाल रही है। दरअसल, पुलिस को लूट की वारदात के पीछे कंपनी के किसी पूर्व कर्मचारी अथवा अकाउंटेंट के ही किसी जानकार पर शक है। पुलिस के अनुसार लुटेरे बैंक से ही अकाउंटेंट के पीछे लग गए थे। शिप्रा अंडरपास के पास सुनसान जगह देखकर उन्होंने वारदात को अंजाम दे डाला।