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मंदिर खुलेंगे पर नहीं लगेंगी माला और प्रसाद की दुकानें

अनलॉक-1 में कोविड-19 के संक्रमण से बचने की शर्तों के साथ आठ जून से मंदिर खुलेंगे। मंदिरों के खुलने के बाद भी उन हजारों लोगों की मुश्किलें बरकरार रहेंगी जिनकी रोजी-रोटी इन मंदिरों से चलती है। क्योंकि श्रद्धालुओं को फूल माला और प्रसाद चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे में मंदिरों के बाहर फूल माला और प्रसाद की सामग्री नहीं बेच पाएंगे। कोरोना संक्रण के खतरे को देखते हुए मंदिरों में न टीका भी लगाया जाएगा। कह सकते हैं कि हाल-फिलहाल जिनका रोजगार मंदिरों से चल रहा था उनको अभी और कठिन दौर से गुजरना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 08:51 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 08:51 PM (IST)
मंदिर खुलेंगे पर नहीं लगेंगी माला और प्रसाद की दुकानें
मंदिर खुलेंगे पर नहीं लगेंगी माला और प्रसाद की दुकानें

- मंदिरों में फूल माला और प्रसाद नहीं चढ़ाए जाने से सैकड़ों हो जाएंगे बेरोजगार

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-फोटो संख्या - 11 जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : अनलॉक-1 में कोविड-19 के संक्रमण से बचने की शर्तों के साथ आठ जून से मंदिर खुलेंगे। मंदिरों के खुलने के बाद भी उन हजारों लोगों की मुश्किलें बरकरार रहेंगी, जिनकी रोजी-रोटी इन मंदिरों से चलती है। क्योंकि श्रद्धालुओं को फूल माला और प्रसाद चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे में मंदिरों के बाहर फूल माला और प्रसाद की सामग्री नहीं बेच पाएंगे। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मंदिरों में न टीका भी लगाया जाएगा। कह सकते हैं कि हाल-फिलहाल जिनका रोजगार मंदिरों से चल रहा था, उनको अभी और कठिन दौर से गुजरना पड़ेगा। ---सुबह से ही लोग भगवान पर चढ़ाने के लिए फूल खरीदने शुरू कर देते थे। सुबह शाम पूजा के लिए फूल खरीदे जाते थे। दोपहर में अन्य कार्यों के लिए फूलों की बिक्री होती थी। इससे अच्छी खासी कमाई हो जाती थी, लेकिन जब से लॉकडाउन हुआ है तब से तो काम पूरी तरह से ही बंद है। उम्मीद थी कि मंदिर खुलेंगे तो कुछ काम शुरू होगा, लेकिन मंदिरों में प्रसाद और फूल माला नहीं चढ़ाई जा सकेगी यह सुनकर अभी तक तो निराशा ही हाथ लगी है। करीब ढाई माह से काम बंद है तो काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक तो जैसे तैसे काम चल रहा था, लेकिन आगे भी काम नहीं चला तो ज्यादा परेशानी हो जाएगी।

- शिव कुमार, फूल विक्रेता ------आस पास चार मंदिर पड़ते हैं इनमें सांई मंदिर, दूधेश्वरनाथ मंदिर, हनुमान मंदिर और शेरावाली मंदिर इनमें पूजन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु फूल और पूजन सामग्री खरीदकर ले जाते थे। अब करीब ढाई महीने से तो मंदिर बंद ही पड़े हैं तो जैसे तैसे एक दूसरे की मदद के सहारे काम चल रहा है। लेकिन अब मंदिर खुलने के बाद भी काम नहीं चला तो साथ में ही बड़ी संख्या में लोग हैं जिनका यही रोजगार है। सभी के लिए परेशानी हो जाएगी। अभी तक तो एक दूसरे से ले देकर काम चला रहे हैं। जैसे तैसे करके इसी उम्मीद में चल रहे थे कि अब मंदिर खुलेंगे तो शायद कुछ काम चलेगा। लेकिन अब मंदिरों में प्रसाद और फूल नहीं चढ़ाएं जाएंगे तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी। रोजी रोटी पर संकट ही संकट है।

- तरुण, पूजन सामग्री और फूल विक्रेता ---तिलक लगाने का काम हो गया बंद

पुराने बस अड्डे के पास शनि देव मंदिर के आसपास और अन्य मंदिरों में घूम घूमकर तिलक लगाने वाले गिरराज ने बताया कि वह तिलक लगाते थे तो भक्त श्रद्धानुसार जो बनते थे रुपये दे देते थे। इसी से अपने खर्चे लायक रुपये आ जाते थे। अभी तक तो कुछ पहले से बचे हुए रुपये थे कुछ सामाजिक संस्थाओं की ओर से भोजन और राशन बांटा गया उसी के सहारे काम चल रहा है। लेकिन अब तिलक लगाने का हमारा क्या सभी का काम बंद हो जाएगा। इससे परेशानी समस्या हो जाएगी। और भी दो चार लोग थे जो तिलक मंदिरों के पास तिलक लगाते थे वे तो अब जा चुके हैं।


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