सरकारी गवाह बने सीए मोहन लाल राठी का बयान सबसे पहले दर्ज हो
नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव ¨सह व उसके कुनबे की आय से अधिक संपत्ति के मामले में सह-आरोपित सीए मोहन लाल राठी, जो सरकारी गवाह बन चुका है उसका बयान सबसे पहले दर्ज होगा। हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अमित वीर ¨सह की अदालत ने बुधवार को यह आदेश दिए। यह जानकारी लोक अभियोजक ने दी।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव ¨सह व उसके कुनबे की आय से अधिक संपत्ति के मामले में सह-आरोपित सीए मोहन लाल राठी, जो सरकारी गवाह बन चुका है उसका बयान सबसे पहले दर्ज होगा। हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अमित वीर ¨सह की अदालत ने बुधवार को यह आदेश दिए। यह जानकारी लोक अभियोजक ने दी।
उन्होंने बताया कि बुधवार को सीए मोहन लाल राठी की पत्नी ने विशेष अदालत में पेश होकर हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी पेश की। सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक दो अगस्त को जारी आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में जो आरोपित अभी तक उपस्थित नहीं हुए हैं, उनकी फाइल अलग की जाए। साथ में आदेश की तारीख से 15 दिन के भीतर चार्ज विचरित कर कार्रवाई आगे बढ़ाने व उक्त तारीख से डेढ़ माह के भीतर मोहन लाल राठी का बयान अदालत में प्रथम गवाह के रूप में दर्ज कराने की बात हाईकोर्ट ने आदेश में कही है। मामले की सुनवाई नियमित रूप से दिन-प्रतिदिन करने की बात भी आदेश में दर्ज है। हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में विशेष अदालत ने बुधवार को उपरोक्त आदेश जारी किए। आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआइ ने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव ¨सह, उसकी पत्नी कुसुमलता, बेटी गरिमा भूषण व करुणा ¨सह, बेटे सन्नी, पुत्रवधू श्रेष्ठा ¨सह, चार्टेड अकाउंटेंट मोहन लाल राठी, तीन फर्म मैसर्स कुसुम गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स केएस अल्ट्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स हिचकी क्रिएशंस प्राइवेट लिमिटेड व पीजीपी चैरिटेबल ट्रस्ट को आरोपित किया है। मामले में एक आरोपित कुसुमलता अभी तक फरार है।