जेल में ही बनाई भी अगली चढ़ाई की रणनीति
संवाद सहयोगी मोदीनगर वर्ष 1990 में राम मंदिर निर्माण के लिए चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेने
संवाद सहयोगी, मोदीनगर : वर्ष 1990 में राम मंदिर निर्माण के लिए चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोग सहारनपुर जेल में ही अगली चढ़ाई के लिए रणनीति तैयार करने लगे थे। रोजाना दिन में दो से तीन बार इसी को लेकर बैठक होती थी। जेल में पूरे दिन राम मंदिर निर्माण को लेकर ही चर्चा होती रहती थी। भजन, कीर्तन और राम नाम का जयकारा लगता रहता था। उस समय से मन में जली ज्वाला अब जाकर शांत हुई हैं।
इन्हीं लोगों में एक मोदीनगर के रहने वाले अजय सिंहल भी हैं। वे भी 1990 में राम मंदिर निर्माण को लेकर चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए अयोध्या जा रहे थे, लेकिन रेलवे स्टेशन पर उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और सहारनपुर जेल भेज दिया। उस समय उनकी उम्र केवल 21वर्ष थी। 15 दिन उन्होंने जेल में बिताए। ये 15 दिन उनके जीवन के वे पल रहे, जिन्हें बताते हुए आज भी उनका सीना गर्व से फूल जाता है। 15 दिन जेल में रहकर उन्होंने बहुत कुछ सीखा।
वे बताते हैं कि जेल में सुबह और शाम विश्व हिदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समेत अन्य हिदू संगठनों के लोग बैठक करते थे। गोष्ठियां होती थीं। आंदोलन की नई रणनीति तैयार की जाती थी। पूरे दिन जेल के भीतर भजन, कीर्तन हुआ करते थे। जय श्रीराम के जयकारे लगते रहते थे। इन्हीं 15 दिनों में ही सहारनपुर की जगाधरी रोड पर भी रामभक्त धरना दे रहे थे। इस बीच पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। आंसू गैस के गोले भी दाग दिए। इनमें कुछ गोले अजय सिंहल के बैरक में भी आ पड़े। सभी की आंखे जलन से लाल हो गईं। सभी ने आनन-फानन में अपने वस्त्रों को पानी से गीला कर आंखों पर रख लिया। उस पल को बताते हुए अजय सिंहल के रोंगटे खड़े हो गए। ऐसे ही न जाने कितने संघर्ष झेले, लेकिन आज उनकी मेहनत अब सफल हो गई। अजय सिंहल ने बताया कि राममंदिर की नींव रखे जाने पर अयोध्या तो नहीं जा सकेंगे, लेकिन घर पर दीप जलाकर खुशी मनाई जाएगी। वर्तमान में अजय सिघल भारत रक्षा मंच के मेरठ प्रांत प्रभारी हैं।