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नए पुराने गूगल मैप मिलान कर तलाशी जाएगी खो चुकी जमीन

अधिग्रहीत जमीन के एवज में किसानों को पांच व दस प्रतिशत जमीन दी जानी है लेकिन प्राधिकरण के पास अब भी एक लाख 36 हजार वर्गमीटर जमीन की कमी है। जहिर है प्राधिकरण की अरबों की जमीन उसके पास होते हुए भी वह किसानों की समस्या का निस्तारण नहीं कर सका है। इसकी वजह अधिसूचित जमीन पर अवैध कब्जा। लिहाजा प्राधिकरण अब वह जमीन ढूढेंगा। इसके लिए गूगल मैप का प्रयोग किया जाएगा। प्राधिकरण अधिग्रहीत जमीन व अपना कब्जा प्राप्त जमीन को गूगल मैप के जरिए चिन्हित करेगा। इसके लिए वह अवैध कब्जा को चिन्हित कर वहां कार्रवाई करेगा। ताकि जमीन को कब्जा मुक्त कराया जा सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 09:56 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 09:56 PM (IST)
नए पुराने गूगल मैप मिलान कर तलाशी जाएगी खो चुकी जमीन
नए पुराने गूगल मैप मिलान कर तलाशी जाएगी खो चुकी जमीन

जागरण संवाददाता, नोएडा : अधिग्रहीत जमीन के एवज में किसानों को पांच व दस प्रतिशत जमीन दी जानी है, लेकिन प्राधिकरण के पास अब भी एक लाख 36 हजार वर्गमीटर जमीन की कमी है। इससे जाहिर है कि प्राधिकरण की अरबों की जमीन होते हुए भी वह किसानों की समस्या का निस्तारण नहीं कर सका है। इसकी वजह से अधिसूचित जमीन पर अवैध कब्जा है। लिहाजा प्राधिकरण अब उस जमीन को तलाशेगा। इसके लिए गूगल मैप का प्रयोग किया जाएगा। प्राधिकरण अधिग्रहीत जमीन व अपना कब्जा प्राप्त जमीन को गूगल मैप के जरिए चिह्नित करेगा। इसके लिए वह अवैध कब्जा को चिहिन्त कर वहां कार्रवाई करेगा, ताकि जमीन को कब्जा मुक्त कराया जा सकेगा।

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प्राधिकरण शहर का विकास 2031 मास्टर प्लान के तहत कर रहा है, लेकिन विकासीय योजनाओं को परवान चढ़ाने में सबसे बड़ी बाधा अवैध निर्माण की है। प्राधिकरण को यह नहीं पता उसकी जमीन कहां-कहां है। इसके दस्तावेज भी अलमारियों में रखे-रखे कहीं गुम हो चुके हैं। लिहाजा अपनी पुरानी जमीन को वापस पाने के लिए प्राधिकरण गूगल मैप का प्रयोग करेगा। यहां दो तरह के मैप होंगे। पहला अधिग्रहण से पहले और दूसरा अधिग्रहण के बाद का। इसके जरिए वह भूखंडों की तलाश करेगा। मैप के जरिए यह स्पष्ट हो जाएगा कि उसने कहां-कहां परियोजनाओं के लिए जमीन चिह्नित की थी। वर्तमान में अगर कोई बदलाव किए गए तो इसकी जानकारी भी मिल जाएगी। साथ ही अब उस जमीन पर क्या बना हुआ है। इसके लिए गूगल मैप का थ्री डाईमेंशन चार्ट प्रयोग किया जाएगा, जिसमें कब्जा प्राप्त जमीन पर किए गए निर्माण की ऊंचाई से लेकर उसका कवर्ड क्षेत्रफल भी मिल जाएगा। इसके जरिए उस बि¨ल्डग का क्या किया जाना है। यह स्पष्ट हो जाएगा।

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अरबों की जमीन पर है कब्जा

प्राधिकरण ने विकासीय योजनाओं के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया और जमीन पर कब्जा लेकर उसे छोड़ दिया, लेकिन कालोनाइजरों, भू-माफिया के अलावा खुद किसानों व ग्रामीणों ने मुआवजा मिलने के बाद भी उस जमीन को खाली नहीं किया। साथ ही जमीन पर कब्जा कर वहां रिहायशी बि¨ल्डग का निर्माण कर दिया। अब प्राधिकरण के उन किसानों को भूखंड देने की जद्दोजहद कर रहा है जिनकी जमीन अधिग्रहीत हो गई। मुआवजा भी मिल गया, लेकिन नियमानुसार उनको पांच व दस प्रतिशत भूखंड नहीं मिल सका। इसकी जानकारी नियोजन विभाग की ओर से प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी को भी दी जा चुकी है।


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