Move to Jagran APP

नोटिस भेजने पर बैंक ने लौटाए पचास हजार रुपये

बैंक से ऋण लेना ग्राहक को उस समय महंगा पड़ने लगा जब किश्त के अलावा उसके खाते से हर माह ज्यादा रुपये कटने लगे। कुछ माह ऐसे होता देख ग्राहक बैंक मैनेजर से मिला तो उसके रुपये वापस हो गये। कुछ दिन बाद फिर सिलसिला शुरू हो गया। अंत में कानून का सहारा लेने पर बैंक ने न सिफ माफी मांगी बल्कि ग्राहक को उसके पचास हजार भी लौटाने पड़े।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 10:18 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 10:18 PM (IST)
नोटिस भेजने पर बैंक ने लौटाए पचास हजार रुपये
नोटिस भेजने पर बैंक ने लौटाए पचास हजार रुपये

जासं, गाजियाबाद : बैंक से ऋण लेना ग्राहक को उस समय महंगा पड़ने लगा जब किस्त के अलावा उसके खाते से हर माह ज्यादा रुपये कटने लगे। कुछ माह ऐसे होता देख ग्राहक बैंक मैनेजर से मिला तो उसके रुपये वापस हो गये। कुछ दिन बाद फिर सिलसिला शुरू हो गया। अंत में कानून का सहारा लेने पर बैंक ने न सिर्फ माफी मांगी बल्कि ग्राहक को उसके पचास हजार भी लौटाने पड़े।

prime article banner

मामला शहर के नंदग्राम कृष्ण कुंज निवासी विक्रांत शर्मा का है। उन्होंने विगत दिसंबर 2014 को शिवालिक मर्केन्टाइल को-आपरेटिव बैंक शाखा भाटिया मोड़ गाजियाबाद से ऋण लिया था, जिस पर बैंक ने 14.75 प्रतिशत ब्याज दर बताया गया था। ग्राहक विक्रांत शर्मा का कहना है कि उसके खाते से किस्त के अलावा अतिरिक्त रूपये कटने लगे। इसका आभास होने पर वह मैनेजर से मिले। बताते हैं कि तकनीकी समस्या बताते हुए काटे गये पूरे पैसा वापस खाते में भेजने का भरोसा दिलाया और पूरे रुपये वापस भेज भी दिये। कुछ दिन बाद यह सिलसिला फिर शुरू हो गया। इस पर वह फिर से बैंक मैनेजर से मिले तो उन्होंने खेद जताते हुए फिर से काटे गये रुपये वापस खाते में भिजवाये। फिर से रुपया काटे जाने पर इस बार विक्रांत ने कानूनी सहारा लेकर अपने वकील से बैंक को पूरे प्रकरण में नोटिस भेजा, जिसके जवाब में बैंक प्रधान कार्यालय अंसारी रोड सहारनपुर की ओर से खेद जताते हुए खाते में 49 हजार 318 रुपये जमा करा दिये। बैंक की ओर से बताया गया कि तकनीकी गड़बड़ी के चलते बैंक ऋण पर 14.75 के स्थान पर 16.75 प्रतिशत ब्याज दर लग रही थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.