टर्की व सऊदी अरब की तस्बीह से कर रहे इबादत
माह-ए-रमजान में तुर्की व सऊदी की तस्बीह से कर रहे इबादतमाह-ए-रमजान में तुर्की व सऊदी की तस्बीह से कर रहे इबादतमाह-ए-रमजान में तुर्की व सऊदी की तस्बीह से कर रहे इबादतमाह-ए-रमजान में तुर्की व सऊदी की तस्बीह से कर रहे इबादत
आयुष गंगवार, गाजियाबाद
रमजान के पाक महीने में बाजारों की रौनक बढ़ गई है। जैसे-जैसे ईद नजदीक आ रही है, रोजेदारों की सक्रियता तेज हो गई है। खजूर व खजला समेत खाने-पीने की चीजों के साथ पहनने और इबादत के सामान बिक्री में इजाफा हो रहा है। इस्लाम में तस्बीह (अल्लाह का नाम जपने की माला) का खास महत्व होता है। रमजान इसकी मांग ज्यादा होती है। रोजेदारे इबादत में इसका प्रयोग करते हैं। बाजार में मुख्यत: टर्की और सऊदी अरब की तस्बीह की सबसे ज्यादा मांग है।
मान्यता है कि रमजान के महीने में रोजेदारों को अधिक से अधिक समय अल्लाह की इबादत में बिताना चाहिए। पूर्व शहर इमाम के जेड बुखारी बताते हैं कि तस्बीह से अल्लाह का नाम लेकर दुआ करने में आसानी होती है। तस्बीह से 33-33(सुब्हानअल्लाह व अलहम्दुलिल्लाह) और 34 बार (अल्लाहु अकबर) बोलकर इबादत की जाती है। कुल 100 बार पढ़ने से एक बार की इबादत मुकम्मल होती है।
कैला भट्टा के दुकानदार गुड्डू बताते हैं मोतियों की संख्या के हिसाब से दो तरह की तस्बीह बिक रही हैं। 100 मोती और 33 मोती की तस्बीह आती हैं। इसके अलावा बाजार में मुख्य रूप से लकड़ी, प्लास्टिक, शीशा, क्रिस्टल, पत्थर और खजूर की गुठली वाली तस्बीह मौजूद है। प्लास्टिक और कांच की तस्बीह 10-20 रुपये, शीशा और पत्थर की तस्बीह 30-60 रुपये, क्रिस्टल की तस्बीह 100-150 रुपये और खजूर की गुठली वाली तस्बीह 200 रुपये या इससे अधिक की कीमत में बिक रही हैं। मुख्य रूप से टर्की और सऊदी अरब से तस्बीह सबसे ज्यादा आयात की जाती हैं। शीशा और पत्थर की तस्बीह टर्की से आती हैं और सऊदी अरब से क्रिस्टल व खजूर की गुठली वाली तस्बीह मंगाई जाती है। इसके अलावा लकड़ी और प्लास्टिक की तस्बीह लोनी में बनाई जाती हैं। तस्बीह के प्रकार व मूल्य
तस्बीह - मूल्य
प्लास्टिक - 10-20 रुपये
लकड़ी - 10-30 रुपये
शीशा - 30-50 रुपये
पत्थर - 40-60 रुपये
क्रिस्टल - 100-150 रुपये
खजूर की गुठली - 180-250 रुपये