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दागी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तारी से बचने का मिल रहा मौका

लिक रोड और इंदिरापुरम थाना में तत्कालीन प्रभारियों सहित 10 पुलिसकर्मियों पर गबन व भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। दोनों थानों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ लोकसेवक द्वारा गबन करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई है। गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद एक भी आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह बात अलग है कि लिक रोड थाना के आरोपित तीन पुलिसकर्मी न्यायालय में आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इससे तस्दीक हो रही है कि दागी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तारी से बचने का मौका मिल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 07:30 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:04 AM (IST)
दागी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तारी से बचने का मिल रहा मौका
दागी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तारी से बचने का मिल रहा मौका

अवनीश मिश्र, साहिबाबाद : लिक रोड और इंदिरापुरम थाना में तत्कालीन प्रभारियों सहित 10 पुलिसकर्मियों पर गबन व भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। दोनों थानों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ लोकसेवक द्वारा गबन करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई है। गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद एक भी आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह बात अलग है कि लिक रोड थाना के आरोपित तीन पुलिसकर्मी न्यायालय में आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इससे तस्दीक हो रही है कि दागी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तारी से बचने का मौका मिल रहा है।

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इनाम घोषित होने के बावजूद नहीं हो सकी गिरफ्तारी : सीएमएस इंफो सिस्टम कंपनी के करोड़ों के गबन मामले में 80 लाख की हेराफेरी के मामले में 25 सितंबर को लिक रोड थाना की पूर्व प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मी सिंह चौहान, उपनिरीक्षक नवीन कुमार पचौरी, सिपाही बच्चू सिंह, फराज खान, धीरज भारद्वाज, सौरभ कुमार और सचिन कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने तमाम जगहों पर दबिश दिया लेकिन गिरफ्तार नहीं कर सकी। आरोपित पुलिसकर्मियों की अग्रिम जमानत की याचिका भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय, मेरठ व उच्च न्यायालय, प्रयागराज ने खारिज कर दिया। गाजियाबाद पुलिस ने सातों आरोपित पुलिसकर्मियों पर छह नवंबर को 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया। उनके घरों पर कुर्की की नोटिस चस्पा की। इस पर सात नवंबर को आरोपित निरीक्षक लक्ष्मी सिंह चौहान व सिपाही धीरज ने भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। सोमवार को आरोपित सिपाही बच्चू सिंह ने भी आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपित चार पुलिसकर्मी अब भी फरार हैं। पुलिस एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

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तीनों आरोपितों की नहीं हुई है गिरफ्तारी : इंदिरापुरम थाना के पूर्व प्रभारी निरीक्षक दीपक शर्मा, उपनिरीक्षक संदीप कुमार व उपनिरीक्षक सचिन कुमार पर जुआरियों को बिना कार्रवाई के छोड़ने और 12.20 लाख रुपये के गबन का आरोप है। तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ इंदिरापुरम थाना में रविवार को लोकसेवक द्वारा गबन करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई। तीनों आरोपित पुलिसकर्मियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। उसके आधार पर इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं, लोगों का कहना है कि मामला काफी गंभीर है। इन्हीं धाराओं के आरोपित पुलिसकर्मियों को न्यायालय ने अग्रिम जमानत तक नहीं दी है, तो आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए साक्ष्य का क्यों इंतजार किया जा रहा है, जबकि छोटे-छोटे मामलों में पुलिस लोगों को गिरफ्तार कर लेती है।


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