Move to Jagran APP

साहिबाबाद डिपो पर धूल से लोगों को नहीं मिल रही निजात

जागरण संवाददाता साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट - चार स्थित साहिबाबाद डिपो पर कर्मचारियों

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 06:50 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 03:00 AM (IST)
साहिबाबाद डिपो पर धूल से लोगों को नहीं मिल रही निजात
साहिबाबाद डिपो पर धूल से लोगों को नहीं मिल रही निजात

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :

loksabha election banner

औद्योगिक क्षेत्र साइट - चार स्थित साहिबाबाद डिपो पर कर्मचारियों को धूल से निजात नहीं मिल रही है। बसों के आवागमन के दौरान दिनभर धूल उड़ती रहती है। इससे कर्मचारियों को सांस लेने में परेशानी होती है। साथ ही हवा भी प्रदूषित होती है। गाजियाबाद हमेशा प्रदूषित शहरों की सूची में रहता है। इसके बावजूद लापरवाही कम नहीं हो रही है। धूल और धुएं से हवा की गुणवत्ता खराब होती है, लेकिन साहिबाबाद बस डिपो के अंदर धूल की एक मोटी परत जमा है। बसों के आने जाने पर धूल उड़ती है। इससे यहां के कर्मचारियों व चालकों - परिचालकों को सांस लेने में परेशानी होती है। बीती जनवरी में दैनिक जागरण ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी तो उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के लखनऊ स्थित मुख्यालय ने संज्ञान लिया था। ट्विटर पर जवाब दिया गया कि डिपो में 176 बसें धुलाई सफाई व ठीक होने के लिए आती हैं। साहिबाबाद डिपो में समय समय पर धूल हटाने के साथ पानी का छिड़काव भी किया जाता है। अभी भी धूल उड़ती रहती है। इससे परेशान कर्मचारियों ने बुधवार को साहिबाबाद डिपो में विरोध प्रदर्शन भी किया था। वहीं, डिपो में पेयजल और शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है, जिससे कर्मचारियों को परेशान होना पड़ता है।

-------

जिले में बढ़ रहा प्रदूषण :

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े देखें तो बृहस्पतिवार दोपहर गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 211 दर्ज किया गया, जबकि बृहस्पतिवार को गाजियाबाद का एक्यूआइ 178 दर्ज किया गया था। जिले में वायु की गुणवत्ता खराब हो रही है।

-------

लोनी रहा सर्वाधिक प्रदूषित

स्थान एक्यूआइ

लोनी 310

वसुंधरा 217

संजय नगर 183

इंदरिापुरम 135

(एक्यूआइ 50 से 100 तक संतोषजनक माना जाता है)

-----------

बयान :

रैपिड रेल के काम के चलते नाला बंद था। नाले का पानी डिपो में भर गया था। पानी सूखने के बाद सिल्ट, मिट्टी डिपो में रह गई। जो हवा चलने पर उड़ रही थी। समय - समय पर सफाई कराई जाती है, जिससे धूल न उड़े। - एके सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीएसआरटीसी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.