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एसएसपी को डीजीपी ने दिए प्रशस्ति पत्र

हरिद्वार से चली किसान यात्रा गाजियाबाद जनपद में तीन दिन तक रुकी। जिले के सबसे व्यस्ततम मेरठ हाइवे पर मोदीनगर से मुरादनगर और फिर यूपी गेट तक किसान पहुंचे थे। यहां दिल्ली पुलिस के साथ पूरे दिन किसान जद्दोजहद करते रहे। बाद में उन्हें राजघाट जाने की अनुमति मिली और फिर किसान अपने घर भी लौटे। इस दौरान एक ओर जिले की यातायात व्यवस्था को संभालना था तो वहीं यह भी डर था कि आक्रोशित किसान कहीं को उपद्रव आदि न करें। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि वह खुद हर समय किसानों के संपर्क में थे। किसी तरह की अफवाह की गुंजाइश नहीं थी। दिल्ली पुलिस से संघर्ष के दौरान किसानों के ट्रैक्टरों के टायर फटे व पंचर हो गए थे और कई वाहन क्षतिग्रस्त भी हो गए थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 09:11 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 09:11 PM (IST)
एसएसपी को डीजीपी ने दिए प्रशस्ति पत्र
एसएसपी को डीजीपी ने दिए प्रशस्ति पत्र

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : डायल एफआइआर लागू कर पूरे प्रदेश में सराहना पाने वाले एसएसपी वैभव कृष्ण की एक बार फिर प्रशंसा की गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी ¨सह ने उन्हें प्रशस्ति पत्र दिए हैं। एसएसपी को यह सम्मान किसान यात्रा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए दिया गया है। एसएसपी को दिए गए प्रशस्ति-पत्र में उन्होंने लिखा है कि गाजियाबाद पुलिस कुशल कार्यप्रणाली और नेतृत्व के चलते यह सम्मान दिया जा रहा है। दिखाई थी कुशलता और मानवता

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हरिद्वार से चली किसान यात्रा गाजियाबाद जनपद में तीन दिन तक रुकी। जिले के सबसे व्यस्ततम मेरठ हाइवे पर मोदीनगर से मुरादनगर और फिर यूपी गेट तक किसान पहुंचे थे। यहां दिल्ली पुलिस के साथ पूरे दिन किसान जद्दोजहद करते रहे। बाद में उन्हें राजघाट जाने की अनुमति मिली और फिर किसान अपने घर भी लौटे। इस दौरान एक ओर जिले की यातायात व्यवस्था को संभालना था तो वहीं यह भी डर था कि आक्रोशित किसान कहीं उपद्रव आदि न करें। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि वह खुद हर समय किसानों के संपर्क में थे। किसी तरह की अफवाह की गुंजाइश नहीं थी। दिल्ली पुलिस से संघर्ष के दौरान किसानों के ट्रैक्टरों के टायर फटे व पंक्चर हो गए थे और कई वाहन क्षतिग्रस्त भी हो गए थे। लौटते समय गाजियाबाद पुलिस ने किसानों के सभी वाहनों को ठीक कराने में मदद की। तीन दिन तक लगातार यातायात व्यवस्था बनाए रखी। किसानों द्वारा अचानक प्लान बदलने पर भी सभी व्यवस्थाएं पूरी कीं और साहिबाबाद में उनके ठहरने का इंतजाम कराया।


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