चिपियाना आरओबी की साइट पर लापरवाही दे रही हादसे को दावत
आयुष गंगवार गाजियाबाद एनएच-9 पर चिपियाना रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) की निर्माणाधीन साइट पर
आयुष गंगवार, गाजियाबाद : एनएच-9 पर चिपियाना रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) की निर्माणाधीन साइट पर लापरवाही हादसे को दावत दे रही है। आरओबी की प्रस्तावित 16 लेन में से दिल्ली-डासना मार्ग पर चार लेन का काम चल रहा है। ट्रस ब्रिज के अलावा बाकी रोड बनकर तैयार है और साइट पर जाने का रास्ता खुला है। ऐसे में कई वाहन चालक सीधे चले जाते हैं और बाद में उन्हें लौटना पड़ता है। रात के वक्त यहां पर हादसा हो सकता है। अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ एक वाहन के लिए रास्ता खुला है, क्योंकि निर्माण सामग्री, कर्मचारी और अधिकारियों के वाहन यहीं से साइट पर जाते हैं।
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रात के वक्त नहीं दिखते बैरियर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की ओर से बनाए जा रहे आरओबी पर 115 मीटर लंबा व 2270 टन का ट्रस ब्रिज रखा जाना है। शनिवार आधी रात के बाद से ही देश के सबसे वजनी ट्रस ब्रिज की लांचिग शुरू हो गई है। 115 मीटर के दायरे को छोड़ दोनों छोर का रोड बन चुका है। दिल्ली से डासना जाते वक्त निर्माणाधीन आरओबी की चार लेन में से डेढ़ लेन खुली हैं। ढाई लेन पर सीमेंट के बैरियर लगाए गए हैं, जो रात के वक्त नहीं दिखते हैं। आरओबी के काम के कारण यहां बाटलनेक बनने से जाम लगता है। ऐसे में वाहन चालक खुला रास्ता व खाली सड़क देख निर्माणाधीन लेन पर चले जाते हैं।
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न चेतावनी बोर्ड, न मार्शल की तैनाती एनएचएआइ की ओर से साइट पर मार्शल तैनात हैं ताकि काम में रुकावट न आए, लेकिन इन चार लेन पर जाने से रोकने के लिए मार्शल तैनात नहीं किया गया है। इस ओर न जाने को लेकर कोई संकेत भी नहीं लगाया गया है और काम जारी होने की चेतावनी भी नदारद है। बार-बार वाहन चालकों के साइट पर पहुंचने के बावजूद कार्यदायी संस्था और एनएचएआइ के अधिकारी हादसे के खतरे से बेपरवाह हैं।
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हो गई थी बाइक सवार की मौत करीब पांच साल पूर्व न्यू लिक रोड के निर्माणाधीन फ्लाईओवर से गिरकर एक बाइक सवार की मौत हो गई थी। मेरठ तिराहा की ओर लगे बैरियर हटाने के कारण आधी रात को अपाचे सवार युवक इस ओर चला गया था। वह बाइक समेत फ्लाईओवर की आधी दूरी तक पहुंचकर कई फीट नीचे गिर गया था, क्योंकि आगे रोड नहीं बना था। हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई थी।
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निर्माण जारी होने की सूचना जरूर दिखनी चाहिए। एनएचएआइ के अधिकारियों से बात कर इसकी व्यवस्था कराएंगे ताकि दूर से ही लोगों को इस ओर न जाने का संकेत मिल जाएं।
- रामानंद कुशवाहा, एसपी ट्रैफिक।
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बैरियर लगाकर पूरा रास्ता नहीं रोक सकते। साइट पर रोजाना कई वाहन आवाजाही करते हैं। हर बार बैरियर हटाने-लगाने में काफी समय बर्बाद होगा। बैरियर पर रिफ्लेक्टर लगे हैं।
- अरविद कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ