बड़ा मुद्दा: एक ऐसा नाला जो खराब कर रहा गहने और बर्तन
हसीन शाह साहिबाबाद बृज विहार का एक ऐसा नाला जिसके प्रदूषण से महिलाएं तंग आ चुकी ह
हसीन शाह, साहिबाबाद : बृज विहार का एक ऐसा नाला, जिसके प्रदूषण से महिलाएं तंग आ चुकी हैं। 25 साल से नाले की मीथेन गैस महिलाओं की गहने काला कर देती है। इसके अलावा इस गैस से विद्युत उपकरण खराब हो जाते हैं। हर बार जनप्रतिनिधि पांच लाख की आबादी से नाले को प्रदूषण मुक्त करने का वादा करते हैं। इस बार भी चुनाव से पहले 26 दिसंबर को नाले के प्रदूषण को खत्म करने के काम का शुभारंभ किया गया था, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है। नगर निगम ने केवल शुभारंभ का बोर्ड लगाकर छोड़ दिया है।
यह नाला तुलसी निकेतन से होकर आ रहा है। शहीद नगर स्थित जे प्वाइंट सीवेज पंपिग स्टेशन पर इस नाले के पानी को पंप किया जाता है। फिर यहां से यह नाले का पानी इंदिरापुरम एसटीपी तक ले जाया जाता है लेकिन पंपिग स्टेशन का डिजाइन इस तरह से किया गया है कि वह नाले के दस फीसदी पानी को भी पंप नहीं कर पाता। नाले के पानी को पंप करने के लिए जे प्वाइंट पंपिग स्टेशन की क्षमता नहीं है। वहीं एसटीपी की भी इतनी क्षमता नहीं है कि नाले के नाले के 50 एमएलडी (एक एमएलडी में 10 लाख लीटर ) पानी को साफ कर सके। क्योंकि जनकपुरी और शालीमार गार्डन की दो सीवरेज लाइनों का पानी 56 एमएलडी क्षमता वाले इस एसटीपी में आता है। इस नाले में शहीदनगर, पाइप मार्केट, जनकपुरी, शालीमार गार्डन, तुलसी निकेतन, ट्रांसपोर्ट नगर, बृज विहार, रामपुरी, डेल्टा कालोनी, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र, कौशांबी, वैशाली का पानी इस नाले में आता है। नाले से परेशान होकर लोगों ने चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। नगर निगम ने 26 दिसंबर को 10 करोड़ रुपये से नाले के प्रदूषण का खात्मा करने का शुभारंभ किया था। दो चरण में इसका काम पूरा किया जाना था। काम शुरू नहीं होने पर स्थानीय निवासियों में आक्रोश है।
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बर्तनों और ज्वेलरी पर जंग लग जाता है। नाले की सफाई का बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया है। अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।
- दीपक माहेश्वरी, रामपुरी
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काम शुरू नहीं होने से नाले को प्रदूषण से मुक्त करने की उम्मीद टूटती नजर आ रही है। 25 साल से नाले को प्रदूषण मुक्त होने का इंतजार कर रहे हैं।
- सतीश गौड़, बृज विहार
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बृज विहार के लोगों को नाले के प्रदूषण की समस्या से जल्द निजात मिलेगी। कुछ दिन बाद सफाई करने की मशीनें आ जाएंगी।
- सोमेंद्र तोमर, अवर अभियंता, जलकल विभाग