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शहीद बेटे के नाम से जरूरतमंदों की मदद करेंगे परिजन

भारतीय वायसेना के शहीद स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी के नाम से उनके परिजन जरूरत मंद की शिक्षा, चिकित्सा व अन्य क्षेत्र में उटाएंगे। इसके लिए उन्होंने शहीद स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी मेमोरियल ट्रस्ट बनाया है। बुधवार को इंदिरापुरम के स्वर्ण जयंती पार्क में स्वतंत्रता दिवस पर शिशिर के परिजनों और स्थानीय विधायक सुनील शर्मा ने ध्वजारोहण कर ट्रस्ट का उद्घाटन किया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। भारतीय वायसेना के शहीद स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी के नाम से उनके परिजन जरूरत मंद की शिक्षा, चिकित्सा व अन्य क्षेत्र में उटाएंगे। इसके लिए उन्होंने शहीद स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी मेमोरियल ट्रस्ट बनाया है। बुधवार को इंदिरापुरम के स्वर्ण जयंती पार्क में स्वतंत्रता दिवस पर शिशिर के परिजनों और स्थानीय विधायक सुनील शर्मा ने ध्वजारोहण कर ट्रस्ट का उद्घाटन किया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Aug 2018 09:09 PM (IST)Updated: Wed, 15 Aug 2018 09:09 PM (IST)
शहीद बेटे के नाम से जरूरतमंदों की मदद करेंगे परिजन
शहीद बेटे के नाम से जरूरतमंदों की मदद करेंगे परिजन

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : भारतीय वायुसेना के शहीद स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी के नाम से उनके परिजन जरूरतमंदों की शिक्षा, चिकित्सा व अन्य क्षेत्र में मदद करेंगे। इसके लिए उन्होंने शहीद स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी मेमोरियल ट्रस्ट बनाया है। बुधवार को इंदिरापुरम के स्वर्ण जयंती पार्क में स्वतंत्रता दिवस पर शिशिर के परिजनों और स्थानीय विधायक सुनील शर्मा ने ध्वजारोहण कर ट्रस्ट का उद्घाटन किया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

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शहीद शिशिर के पिता शरद तिवारी भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हैं। जबकि शिशिर की माता सविता महिला पतंजलि योग समिति में दिल्ली एनसीआर की प्रभारी हैं। शरद तिवारी का कहना है कि उनके बेटे स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी बहुत ही नेक दिल के थे। वह हमेशा लोगों की मदद करते थे। देश की सुरक्षा के लिए मुश्किल से मुश्किल काम करने को तुरंत तैयार हो जाते थे। परिजनों ने शिशिर तिवारी के नाम से ट्रस्ट खोलकर जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई में आर्थिक मदद करने, कॉपी-किताब और कपड़े देने का जिम्मा उठाएंगे। इसके साथ ही ट्रस्ट जरूरत मंद को इलाज दिलाने का भी काम करेगी।

देश सेवा करेंगी पत्नी

शिशित की तीन वर्ष पूर्व प्रकृति से शादी हुई थी। पति की मौत के बाद वह एयरफोर्स ज्वाइन कर पति की तरह देश सेवा करना चाहती हैं। इसके लिए वह तैयारी कर रही हैं। बता दें कि शिशिर तिवारी चीन बार्डर पर तैनात भारतीय सेना के लिए छह अक्टूबर 2017 की सुबह साढ़े छह बजे वायुसेना के हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री ले जा रहे थे। अरुणाचल प्रदेश में तवांग के पास वायु सेना का हेलीकाप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें शिशिर शहीद हो गए थे।

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स्वतंत्रता दिवस से किया शुभारंभ

स्वतंत्रता दिवस पर स्वर्ण जयंति पार्क में ध्वजारोहण के बाद देशभक्ति गीत, नृत्य व कविताएं प्रस्तुत की गई। स्कूली बच्चों ने यह प्रस्तुति दी। इस दौरान शिशिर के दादा प्रमोद कृष्ण, दादी मधुरिमा, माता-पिता, पत्नी प्रकृति, भाई शिखर, बुआ शैलजा, फूफा संतोष, गोपाल, मौसी कुमकुम व अन्य लोग मौजूद रहे। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने शहीद शिशिर को याद किया।


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