Move to Jagran APP

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में प्रशासनिक शुल्क का विवाद सुलझा

राजनगर एक्सटेंशन में प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर प्रशासनिक शुल्क का विवाद सुलझ गया है। शासन के आदेश के बाद सीएजी ने मामले में अपनी आपत्ति वापस ले ली है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि सीएजी द्वारा लगाई गई करीब साढ़े सात करोड़ की प्रशासनिक शुल्क की आपत्ति को हटा लिया गया है। भूमि पूजन होने के साथ ही स्टेडियम निर्माण होने की दिशा में तेजी आने की उम्मीद है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 07:32 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 07:32 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में प्रशासनिक शुल्क का विवाद सुलझा
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में प्रशासनिक शुल्क का विवाद सुलझा

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : राजनगर एक्सटेंशन में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर प्रशासनिक शुल्क का विवाद सुलझ गया है। शासन के आदेश के बाद सीएजी ने मामले में अपनी आपत्ति वापस ले ली है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि सीएजी द्वारा लगाई गई करीब साढ़े सात करोड़ की प्रशासनिक शुल्क की आपत्ति को हटा लिया गया है। भूमि पूजन होने के साथ ही स्टेडियम निर्माण होने की दिशा में तेजी आने की उम्मीद है।

loksabha election banner

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम 25 एकड़ में स्टेडियम का निर्माण 4 सौ करोड़ में होगा। इसकी क्षमता 75 हजार होगी। हालांकि दिसंबर 2019 तक इसका निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। जो फिलहाल संभव नहीं है। सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस इस स्टेडियम में तमाम अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले जाएंगे। यूपीसीए ने राजनगर एक्सटेंशन में इस स्टेडियम के निर्माण के लिए 35 एकड़ जमीन किसानों से 75 करोड़ रुपये में खरीदी थी। जमीन का सौदा करने के लिए जीडीए ने यूपीसीए की मदद की थी, जिसके बदले जीडीए ने कोई शुल्क नहीं लिया। लेकिन कैग ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए नियम का हवाला दिया और कहा कि मदद करने पर जीडीए को 10 फीसदी बतौर फीस यूपीसीए से लेनी चाहिए। कैग के निर्देश पर जीडीए ने यूपीसीए को साढ़े सात करोड़ रुपये जमा कराने का नोटिस दिया था।

स्टेडियम के पास होटल, क्लब, रेस्टोरेंट व अन्य सुविधाओं के लिए भी जमीन का इंतजाम हो गया है। उपाध्यक्ष ने जानकारी दी कि 10 एकड़ में अन्य सुविधाओं के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। यहां प्राधिकरण 2.5 एफएआर यूपीसीए को देगा। यह भूमि कृषि योग्य है जिसका भू-उपयोग बदलकर इसे मिक्स लैंड यूज में बदला जाएगा। एफएआर की शर्तों के चलते स्टेडियम का नक्शा दो हिस्सों में पास होना है। जिसमें एक नक्शा केवल स्टेडियम का होगा। जबकि दूसरा नक्शा स्टेडियम के आसपास की जाने वाली गतिविधियों के लिए होगा। यूपीसीए द्वारा ली गई जमीन का भू-उपयोग जांचने के लिए जीडीए ने सर्वे कराया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.