स्कूलों को खेल मैदान के लिए देना होगा दस गुना ज्यादा लाइसेंस शुल्क
स्कूलों में अत्यधिक फीस वृद्धि होने पर जीडीए सख्त रवैया अपनाने जा रहा है। स्कूलों को खेल मैदान बनाने के लिए दी कम दर पर दी गई जमीनों का लाइसेंस शुल्क दस गुना बढ़ाने की तैयारी है। यह प्रस्ताव 25 जून को होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। प्रस्ताव में ऐसा करने की वजह स्पष्ट लिखी गई है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : स्कूलों में अत्यधिक फीस वृद्धि होने पर जीडीए सख्त रवैया अपनाने जा रहा है। स्कूलों को खेल मैदान बनाने के लिए दी कम दर पर दी गई जमीनों का लाइसेंस शुल्क दस गुना बढ़ाने की तैयारी है। यह प्रस्ताव 25 जून को होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। प्रस्ताव में ऐसा करने की वजह स्पष्ट लिखी गई है।
जीडीए ने खेल मैदान बनाने के लिए स्कूलों को ग्रीन बेल्ट और ओपन स्पेस की जमीनें लीज पर दे रखी है। शुरुआत में इनसे एक रुपये प्रति वर्ग मीटर वार्षिक लाइसेंस शुल्क लिया जाता था। शर्त रखी गई थी कि मैदान की बाउंड्री स्कूल से अलग होगी। उसमें दो प्रतिशत से अधिक निर्माण नहीं किया जाएगा। यूपी पार्क प्लेग्राउंड एंड ओपन स्पेस प्रिजर्वेशन एंड रेग्युलेशन एक्ट 1975 का पालन करने की शर्त रखी गई थी। वर्ष 2012 में यह लाइसेंस शुल्क एक रुपये से बढ़ाकर दस रुपये किया गया था। अब बोर्ड बैठक के लिए तैयार किए गए प्रस्ताव में रखा जीडीए ने तर्क दिया है कि सर्किल रेट 8 से 23 गुना बढ़ गया है। इसके अलावा स्कूलों ने अत्यधिक फीस बढ़ोतरी की है। लिहाजा खेल मैदान के लिए दी गई जमीन का लाइसेंस शुल्क 10 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखने के लिए तैयार किया गया है। यह कदम उठाकर स्कूलों को सबक सिखाने की तैयारी जीडीए कर रहा है। इसके अलावा वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स की विशेष नीति बनाने का प्रस्ताव भी है।