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हापुड़ के दोहरे हत्याकांड में सपा नेता समेत छह को उम्रकैद

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : हापुड़ के हाफिजपुर थानाक्षेत्र स्थित शाहबुद्दीननगर में वर्ष 2012 में हुए

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 May 2018 07:05 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 07:05 PM (IST)
हापुड़ के दोहरे हत्याकांड में सपा नेता समेत छह को उम्रकैद
हापुड़ के दोहरे हत्याकांड में सपा नेता समेत छह को उम्रकैद

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : हापुड़ के हाफिजपुर थानाक्षेत्र स्थित शाहबुद्दीननगर में वर्ष 2012 में हुए दोहरे हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-4 कुणाल वेपा की अदालत ने बृहस्पतिवार को सपा नेता समेत छह दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ में सभी पर 2.85 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। इसमें 1.5 लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़ित पक्ष को देने के आदेश भी अदालत ने दिए हैं।

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता गजेंद्र त्यागी ने बताया कि छेड़छाड़ का मुकदमा वापस न लेने पर हापुड़ के हाफिजपुर थानाक्षेत्र स्थित शाहबुद्दीननगर गांव में एक जुलाई 2012 को गोली मारकर प्रेमपाल व राजकुमार की हत्या कर दी थी। मामले में मृतक प्रेमपाल के बेटे सतीश ने सपा नेता धीरज ठाकुर, नीरज, तेजवीर, उदयवीर, गौरव व कुंवरपाल पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-4 कुणाल वेपा की अदालत में यह मामला जिला जज के आदेश पर विशेष ईसी एक्ट अदालत से स्थानांतरित होकर पहुंचा था। फरवरी 2018 से मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई और 22 तारीख पर बहस सुनने के बाद तीन माह के भीतर अदालत ने मामले में फैसला सुनाया। सभी छह आरोपितों को उम्रकैद के साथ विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई है। आरोपित धीरज ठाकुर, कुंवरपाल व नीरज प्रत्येक पर 45 हजार रुपये और तेजवीर, उदयवीर व गौरव प्रत्येक पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।

----------- सत्ता के नशे की हनक ने बनाया हत्यारा

दोहरे हत्याकांड में दोषी करार दिया गया धीरज ठाकुर सपा की जिला कमेटी में पदाधिकारी था। बताया गया था उसका दूध की डेयरी का धंधा था। कुछ ही समय में उसने सपा में अच्छी पैठ बना ली थी। सपा के बड़े नेताओं से मुलाकात से सत्ता का नशा उसे इस कदर चढ़ा था कि किसी को कुछ नहीं समझता था। छेड़छाड़ का मुकदमा वापस न लेने पर दोहरे हत्याकांड को भी उसने साथियों समेत इसी हनक में अंजाम दिया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता गजेंद्र त्यागी ने बताया कि धीरज व उदयवीर को छोड़कर बाकी चार आरोपितों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। इसके चलते यह दोनों सुप्रीम कोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने इनकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए तीन माह में मुकदमा निस्तारित करने के आदेश दिए थे।


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