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रैपिड रेल के तीन स्टेशनों के स्थान में परिवर्तन

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के गाजियाबाद सीमा में तीन स्टेशनों के प

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Oct 2017 10:03 PM (IST)Updated: Mon, 30 Oct 2017 10:03 PM (IST)
रैपिड रेल के तीन स्टेशनों के स्थान में परिवर्तन
रैपिड रेल के तीन स्टेशनों के स्थान में परिवर्तन

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के गाजियाबाद सीमा में तीन स्टेशनों के प्रस्तावित स्थान में परिवर्तन किया जा रहा है। कुछ दिन पहले नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी), गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की टीम ने प्रस्तावित स्टेशनों के स्थान का निरीक्षण किया था। उसमें पाया कि गाजियाबाद, गुलधर और मुरादनगर में स्टेशन के लिए प्रस्तावित जमीन पर पहले से निर्माण हो रखा है। कहीं बच्चों के खेलने को क्रीड़ा स्थल बना है, तो कहीं दुकान। अब तय किया है कि स्टेशनों को प्रस्तावित स्थान से 20 से 25 मीटर आगे या पीछे बनाया जाएगा।

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जीआइएस सर्वे से भिन्न मिली स्थिति

जीआइएस सर्वे के आधार पर रैपिड रेल कॉरिडोर की डीपीआर तैयार की गई थी। उसमें तीनों स्टेशनों के प्रस्तावित स्थान खाली नजर आए थे। जमीन पर जाकर जांच हुई तो स्थिति भिन्न मिली। वहां कई निर्माण पाए गए। इससे थोड़ी परेशानी होगी।

बदलेगा नक्शा

तीनों स्टेशनों का नक्शा एनसीआरटीसी को बदलना पड़ेगा। प्रवेश और निकासी द्वार भी बदल जाएंगे। इसके अलावा स्टेशन के आकार में अंतर जाएगा। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही नया नक्शा बनाने का काम होगा। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में कोई बड़े बदलाव अब नहीं होंगें।

गाजियाबाद सीमा में आठ स्टेशन

साहिबाबाद में इंडस्ट्रियल एरिया चौराहा, मोहन नगर, गाजियाबाद में नया बस अड्डा मेरठ तिराहे के पास, गुलधर में विकासनगर के सामने, दुहाई में बाबा बनारसी दास इंस्टीट्यूट के पास, मुरादनगर में इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के सामने, मोदीनगर नॉर्थ में आईसीआईसीआई बैंक के पास और मोदीनगर साउथ में मोदी गार्डन के सामने स्टेशन प्रस्तावित हैं।

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परियोजना पर एक नजर

-दिल्ली से मेरठ तक 19 स्टेशन

-2022 तक पहले फेज हो पाएगा पूरा

- 32,500 करोड़ रुपये होंगे खर्च

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0-वर्जन

जीडीए ने तीन स्टेशनों की प्रस्तावित जमीन पर निर्माण पाया है। उसके हिसाब से मामूली बदलाव किए जाएंगे। कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा। निर्माण से पहले यह निरीक्षण जरूरी था। निर्माण शुरू होने के बाद बदलाव करने आसान नहीं होते।

-सुधीर शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी


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