एक्सप्रेस-वे: नई रोड पर भी लग रहे झटके
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री और मुख्यमंत्री को ट्वीट कर मामले की शिकायत की गई है।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण जहां अंतिम चरण में है तो वहीं लोगों को जाम से निजात मिलने लगी है। हालांकि, इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर कुछ सवाल भी उठने लगे हैं। दरअसल, एक्सप्रेस-वे का निर्माण अभी चल ही रहा है और सभी सड़कें नई बनीं हैं, लेकिन वाहन चालकों को इन सड़कों पर झटके लगने लगे हैं। सूर्यनगर के पार्षद एसके माहेश्वरी ने ही इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सड़कों को अनियमित रूप से बनाने का आरोप लगाते हुए दुर्घटनाओं की संभावना जताई है। साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री और मुख्यमंत्री को ट्वीट कर मामले की शिकायत की है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के यूपी गेट से डासना तक का निर्माण अंतिम चरण में है। 14 लेन के एक्सप्रेस-वे पर सड़क निर्माण लगभग पूरा कर लिया गया है। हालांकि, चंद दिनों पहले बनी सड़क पर वाहन चालकों को झटके लग रहे हैं। सीधी-सपाट सड़क पर अगर वाहन तेजी से दौड़ते हैं तो वाहनों में एक कंपन होता है। लगातार हो रहे कंपन पर लोगों को डर सता रहा है कि कहीं यह दुर्घटनाओं का कारण न बन जाए, अगर इस दौरान अचानक ब्रेक लगाते हैं तो हादसा हो सकता है। लोग नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) पर सवाल उठा रहे हैं। पार्षद ने उठाए सवाल: सूर्यनगर के पार्षद एसके माहेश्वरी ने बताया कि नई सड़क पर इस तरह से वाहनों में कंपन होना गलत है। दरअसल, सड़क की सतह काफी खराब है। इसके चलते 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ते वाहन सतह से उछलने लगते हैं, अगर कभी अचानक ब्रेक लगानी पड़े तो दुर्घटना हो सकती है। वाहनों के सतह से उछलने पर भी दुर्घटना का खतरा है। एनएचएआइ को गुरुग्राम और एक्सप्रेस-वे के पूर्वी दिल्ली के हिस्से से कुछ सीखना चाहिए था। जल्दबाजी में निर्माण इसका कारण हो सकता है। इसके चलते मामले की शिकायत केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को की गई है। सड़क की सतह मानकों के अनुरूप ही बनाई गई है, अगर कुछ स्थानों पर इस तरह की खामी देखी जाती है तो उसे दुरुस्त करवाया जाएगा। कुछ फ्लाईओवर के पास अभी फाइनल कोट नहीं हुआ है। ऐसे में संभव है उन स्थानों पर यह दिक्कत हुई हो। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ही एक्सप्रेस-वे पर गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है।
- मुदित गर्ग, उप महाप्रबंधक, एनएचएआइ।