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निश्शुल्क मिले स्टाल, दिल में जले खुशियां के दीये

अभिषेक सिंह गाजियाबाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कविनगर रामलीला मैदान में लगाए जा रहे दीपावली मेले से स्ट्रीट वेंडर और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बेहद खुश हैं। उनके दिलों में खुशियों के दीये जल रहे हैं। इसकी वजह उनको मेले में स्टाल लगाने के लिए निश्शुल्क जगह मिलना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 11:27 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 11:27 PM (IST)
निश्शुल्क मिले स्टाल, दिल में जले खुशियां के दीये
निश्शुल्क मिले स्टाल, दिल में जले खुशियां के दीये

अभिषेक सिंह, गाजियाबाद: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कविनगर रामलीला मैदान में लगाए जा रहे दीपावली मेले से स्ट्रीट वेंडर और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बेहद खुश हैं। उनके दिलों में खुशियों के दीये जल रहे हैं। इसकी वजह उनको मेले में स्टाल लगाने के लिए निश्शुल्क जगह मिलना है।

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मेले में नगर निगम ने 200 ठेली-पटरी वालों को निश्शुल्क स्टाल लगाने की अनुमति दी है, ताकि दीपावली से पहले वह आमदनी कर सकें। वहीं अगर उनको बाजार में कई ऐसी जगह हैं, जहां स्टाल लगाने पर शुल्क देना पड़ता है। यदि किसी अन्य संस्था द्वारा मेले का आयोजन किया जाता है, तो उनको दुकान लगाने की एवज में रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इससे वह बिक्री के लिए पर्याप्त मात्रा में सामान की खरीदारी नहीं कर पाते थे। पांच स्ट्रीट वेंडर्स हुए सम्मानित:

मेले में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये का बगैर ब्याज का लोन स्वीकृत होने पर पांच स्ट्रीट वेंडर को केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने 10-10 हजार रुपये के डमी चेक और प्रमाणपत्र दिए। इस दौरान राज्यसभा सदस्य डा. अनिल अग्रवाल, महापौर आशा शर्मा, मुरादनगर विधायक अजितपाल त्यागी, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर मौजूद थे। परिचर्चा मैं मूर्तियां बनाकर बेचती हूं। मुझे 10 हजार रुपये का लोन मिला है। इसके साथ ही दुकान लगाने के लिए मेले में अनुमति मिली है। इससे इस बार दीपावली पर गणेश-लक्ष्मी सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां ज्यादा संख्या में तैयार कर उन्हें बेच सकूंगी। - माया, दौलतपुरा।

मैं दिल्ली से बच्चों के कपड़े लाकर बाजार में ठेली पर बेचता हूं। रुपयों की कमी होने के कारण ज्यादा सामान नहीं खरीद पाता था। अब 10 हजार रुपये का लोन और दुकान लगाने के लिए जगह मिली है। ऐसे में काफी खुशी हो रही है।- कमल सैनी, मालीवाड़ा।

मैं और मेरे पति फूल-माला बनाकर बेचते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर होने से न तो पर्याप्त मात्रा में फूल खरीद पाते थे, न ही बाजार में दुकान किराए पर ले सकते हैं। अब 10 हजार रुपये भी मिलेंगे और दुकान लगाने के लिए मेले में जगह भी मिलेगी। ऐसे में इस बार दीपावली पर अच्छी आमदनी होगी। - रजनी, शास्त्री नगर।

मैं बच्चों के लिए सदर बाजार से खिलौने लाकर बेचती हूं। गली, मोहल्लों में ठेली पर खिलौने रखकर बेचना पड़ता है। मेले में जगह और आर्थिक मदद भी मिली है। - ऊषा, कविनगर।


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