जल निगम की लापरवाही से नहीं गति पकड़ पा रहा रैपिड रेल निर्माण कार्य
जागरण संवाददातामोदीनगर तमाम कोशिशों के बाद भी जल निगम की कार्यशैली में कोई बदलाव देखने
जागरण संवाददाता,मोदीनगर :
तमाम कोशिशों के बाद भी जल निगम की कार्यशैली में कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। सीवरेज पाइपलाइन निर्माण कार्य के धीमी गति से चलने के कारण शहर के आबादी क्षेत्र में रैपिड रेल निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत कराने की योजना बनाई है।
पिछले दो साल से शहर में जल निगम द्वारा सीवरेज पाइपलाइन डालने का कार्य चल रहा है। कालोनियों को छोड़ दें तो दिल्ली-मेरठ हाईवे के किनारे भी पिछले डेढ़ साल से जगह जगह मैनहोल बनाने के लिए कहीं गड्ढे छोड़ दिए गए हैं तो कहीं पर मलबा और अन्य निर्माण सामग्री जल निगम के ठेकेदार द्वारा डाल दी गई है। इसी के चलते हाईवे पर न सिर्फ यातायात प्रभावित रहता है बल्कि सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट रैपिड रेल का निर्माण कार्य भी गति नहीं पकड़ पा रहा है। मुरादनगर क्षेत्र में रैपिड रेल का काम पूरी तरह गति पकड़ चुका है। मोदीनगर के आबादी क्षेत्र के बाहर दोनों तरफ काम तेजी से चल रहा है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने पिछले दिनों इस संबंध में कमिश्नर, डीएम, एसडीएम के साथ बैठक कर जल निगम की कार्यशैली से उनको अवगत कराया। अधिकारियों ने जल निगम के अधिकारियों को हिदायत दी थी कि तेज गति से सीवरेज पाइपलाइन का काम निपटना चाहिए। कहीं भी सड़क पर बिना जरूरत मलबा और निर्माण सामग्री नहीं डाली जानी चाहिए। बावजूद इसके जल निगम की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया है। जहां पर काम पूरा हो चुका है। वहां मैनहोल पर ढक्कन नहीं लगाए गए हैं। यही वजह है कि एनसीआरटीसी मोदीनगर में रैपिड रेल निर्माण कार्य को गति नहीं दे सकी है। इसके अलावा आबादी क्षेत्र में लोक निर्माण की जमीन भी कब्जा मुक्त नहीं हो सकी हैं जिसके चलते तमाम समस्याएं आ रही हैं। एनसीआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि तमाम अवरोधों को दूर करने के लिए विभागीय अधिकारियों से समन्वय किया जा रहा है। जल्द ही इसमें बदलाव नहीं आता है तो मुद्दों को कमिश्नर व डीएम के समक्ष रखा जाएगा।