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पीवीवीएनएल ने जीडीए के सिटी फॉरेस्ट सोलर प्लांट की बिजली खरीदने से किया इन्कार

सिटी फॉरेस्ट में लगे सोलर प्लांट की बिजली जीडीए नहीं बेच पाएगा। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) ने जीडीए को स्पष्ट जवाब दिया है कि वह इस प्लांट से बिजली खरीदने के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) नहीं कर पाएगा। कारण बताया है कि पॉलिसी में पीपीए के लिए सोलर प्लांट की बिजली उत्पादन क्षमता न्यूनतम एक हजार केवीए होनी चहिए। जीडीए के सोलर प्लांट की क्षमता महज 500 केवीए है। पीवीवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि पीपीए करने के लिए जीडीए को इतना बड़ा एक और प्लांट लगवाना होगा। ऐसा नहीं होता तो एग्रीमेंट नहीं हो पाएगा। जीडीए को प्लांट की बिजली का खुद ही उपयोग करनी होगी। ऐसे में इस प्लांट पर खर्च हुए दो करोड़ 74 लाख रुपये डूबने का खतरा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 01:54 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 01:54 PM (IST)
पीवीवीएनएल ने जीडीए के सिटी फॉरेस्ट सोलर प्लांट की बिजली खरीदने से किया इन्कार
पीवीवीएनएल ने जीडीए के सिटी फॉरेस्ट सोलर प्लांट की बिजली खरीदने से किया इन्कार

आशीष गुप्ता, गाजियाबाद

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सिटी फॉरेस्ट में लगे सोलर प्लांट की बिजली जीडीए नहीं बेच पाएगा। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) ने जीडीए को स्पष्ट जवाब दिया है कि वह इस प्लांट से बिजली खरीदने के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) नहीं कर पाएगा। कारण बताया है कि पॉलिसी में पीपीए के लिए सोलर प्लांट की बिजली उत्पादन क्षमता न्यूनतम एक हजार केवीए होनी चहिए। जीडीए के सोलर प्लांट की क्षमता महज 500 केवीए है। पीवीवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि पीपीए करने के लिए जीडीए को इतना बड़ा एक और प्लांट लगवाना होगा। ऐसा नहीं होता तो एग्रीमेंट नहीं हो पाएगा। जीडीए को प्लांट की बिजली का खुद ही उपयोग करनी होगी। ऐसे में इस प्लांट पर खर्च हुए दो करोड़ 74 लाख रुपये डूबने का खतरा है। चार हजार वर्ग मीटर में लगा है प्लांट

जीडीए ने एक साल पहले बीएचईएल से सिटी फॉरेस्ट के चार हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 500 केवीए का सोलर प्लांट लगवाया था। योजना थी कि इस प्लांट में बनने वाली कुछ बिजली सिटी फॉरेस्ट को दे दी जाएगी। जिससे वहां की लाइटें रोशन हो सकें। बाकी बिजली बेच कर जीडीए आय अर्जित करेगा। जीडीए ने इसके लिए पीवीवीएनएल को पीपीए का प्रस्ताव भेजा था। पीपीए एक तरह का करार है, जिसमें पीवीवीएनएल बिजली खरीदने के लिए प्रति यूनिट दर तय करता है। पिछले एक साल से इसे लेकर दोनों तरफ से पत्राचार किया जा रहा है। पीवीवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि जीडीए को स्पष्ट कर दिया गया है कि उनके प्लांट की बिजली उत्पादन क्षमता कम है। इस वजह से पीपीए नहीं हो सकता। पॉलिसी के बारे में विस्तार से बता दिया गया है।

लापरवाही पड़ रही भारी

अधिकारियों की लापरवाही जीडीए के कोष पर भारी पड़ने वाली है। पीवीवीएनएल के अधिकारियों की मानें तो जीडीए को प्लांट लगाने से पहले पॉलिसी का अध्ययन करना चाहिए था। जो नहीं किया गया है। बिना पॉलिसी जाने जीडीए ने प्रोजेक्ट पूरा कर दिया। पीवीवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि वह जीडीए की परेशानी को वह समझ रहे हैं। लेकिन पॉलिसी के आगे वह उनकी मदद नहीं कर सकते। 9.34 लाख सुरक्षा पर खर्च

इस प्लांट की सुरक्षा के लिए जीडीए ने 9.34 लाख रुपये अलग से खर्च किए हैं। प्लांट स्थल पर हाई मास्ट लाइट लगवाई गई है। इसके अलावा सुरक्षा गार्डों को तैनात किया गया है।

प्लांट को लगे एक साल हो चुका है। पीवीवीएनएल के साथ्ज्ञ पीपीए में दिक्कत आ रही है। उच्चाधिकारियों से बात कर समस्या दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

- कंचन वर्मा, वीसी, जीडीए जीडीए ने सिटी फॉरेस्ट में 500 केवीए क्षमता का सोलर प्लांट लगाया है। पॉलिसी के तहत एक हजार केवीए से कम के प्लांट से बिजली खरीदने के लिए पीपीए नहीं किया जा सकता। इस बारे में शासन से आया फैसले से जीडीए को अवगत करा दिया गया है। फिर भी उनकी तरफ से लगातार पत्राचार हो रहा है।

- आरके राणा, मुख्य अभियंता, पीवीवीएनएल


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