विद्यालय परिसरों में बेची जा रही निजी प्रकाशन की किताबें
- अभिभावकों को लगातार किए जा रहे हैं किताबें खरीदने के लिए मैसेज - जिलाधिकारी और डीआइओएस को दे चुके हैं शिकायत --- जासं गाजियाबाद अभिभावकों ने निजी विद्यालय परिसर में किताबें बेचने का शिकायत जन सुनवाई पोर्टल पर की। अभिभावकों का कहना है कि निजी प्रकाशन की किताबें विभिन्न विद्यालयों के परिसर में ही बेची जा रही है। इसके लिए जिलाधिकारी जिला विद्यालय निरीक्षक को शिकायत कर चुके हैं। इसके बाद भी विद्यालयों पर कोई असर नहीं है। किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों के मोबाइल पर मैसेज भेजे जा रहे हैं। इस संबंध में जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत की है। अभिभावक नितिन शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम - 201
जासं, गाजियाबाद : अभिभावकों ने निजी विद्यालय परिसर में किताबें बेचने का शिकायत जन सुनवाई पोर्टल पर की। अभिभावकों का कहना है कि निजी प्रकाशन की किताबें विभिन्न विद्यालयों के परिसर में ही बेची जा रही है। इसके लिए जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक को शिकायत कर चुके हैं। इसके बाद भी विद्यालयों पर कोई असर नहीं है। किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों के मोबाइल पर मैसेज भेजे जा रहे हैं। इस संबंध में जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत की है।
अभिभावक नितिन शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम - 2018 के अनुसार किसी भी विद्यालय परिसर में किताबें नहीं बेची जा सकती है। इसके बाद भी निजी प्रकाशन की किताबें विद्यालय परिसर में बेची जा रही है। अभिभावक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि शिकायत पर नोटिस भेज जाते हैं, लेकिन विद्यालयों पर इनका असर नहीं नहीं होता। अन्य स्टेशनरी भी स्कूल से ही खरीदने का दबाव होता है। वहीं अभिभावक शारदा प्रसाद का कहना है कि एनसीईआरटी की किताबें सस्ती होने के बाद भी प्रिट रेट से दस फीसद तक कम में मिल जाती हैं। अभिभावक मनीष शर्मा ने कहा कि कि कई विद्यालयों में तो एनसीईआरटी और निजी प्रकाशन की किताबों के रेट का अंतर दस गुना तक पहुंच जाता है। अभिभावकों का कहना है कि इसके लिए कितनी ही बार अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी अभिभावकों को लगातार किताबें खरीदने के लिए मैसेज भेजे जाते हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक रवि दत्त शर्मा का कहना है कि जिन विद्यालयों की अभिभावकों ने शिकायत की थी उन्हें नोटिस भेजा गया है। सभी विद्यालयों को सर्कुलर जारी किया गया है कि विद्यालय में केवल एनसीईआरटी का ही पाठ्यक्रम चलाया जाएगा। विद्यालय परिसर में किताबें बेची जा रही हैं तो उनपर कार्रवाई की जाएगी।