पालतू कुत्ते का पंजीकरण शुल्क घटाकर किया एक हजार रुपये
पालतू कुत्तों का पंजीकरण शुल्क घटाकर एक हजार रुपये सालाना कर दिया गया है। नगर निगम बोर्ड ने शनिवार को सुल्तानपुर से भाजपा सांसद एवं पीपुल फॉर एनिमल्स (पीएफए) की चेयरपर्सन मेनका गांधी की अपील पर शुल्क में कटौती की है। पिछले दिनों निगम बोर्ड बैठक ने ही कुत्ते का पंजीकरण शुल्क 10 रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया था।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : पालतू कुत्तों का पंजीकरण शुल्क घटाकर एक हजार रुपये सालाना कर दिया गया है। नगर निगम बोर्ड ने शनिवार को सुल्तानपुर से भाजपा सांसद एवं पीपुल फॉर एनिमल्स (पीएफए) की चेयरपर्सन मेनका गांधी की अपील पर शुल्क में कटौती की है। पिछले दिनों निगम बोर्ड बैठक ने ही कुत्ते का पंजीकरण शुल्क 10 रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया था।
मेयर आशा शर्मा ने बोर्ड बैठक में बताया कि पालतू कुत्ते का पंजीकरण शुल्क पांच हजार रुपये वार्षिक करने पर सुल्तानपुर से भाजपा सांसद एवं पीएफए की चेयरपर्सन मेनका गांधी ने ई-मेल भेज कर आपत्ति जताई थी। शुल्क में कटौती करने की अपील की थी। यह भी बताया कि उन्होंने 250 रुपये शुल्क प्रस्तावित किया है। ई-मेल के अलावा उन्होंने फोन करके पंजीकरण शुल्क कम करने की अपील की थी। बोर्ड सदस्यों को अवगत कराया कि मेनका गांधी के अलावा पशुओं से लगाव रखने वाले व्यक्ति और संस्थाओं ने एक हजार से ज्यादा विरोध पत्र भेजे हैं। भूमिका को बांधते हुए मेयर ने पालतू कुत्ते का वार्षिक पंजीकरण शुल्क कम करने का प्रस्ताव रखा। इस पर मंथन के दौरान कई पार्षदों ने कहा कि पांच हजार रुपये शुल्क को द्विवार्षिक कर दिया जाए। कुछ ने सलाह दी कि शुल्क आधा कर दिया जाए। सबकी राय जानने के बाद मेयर ने तय किया कि प्रति वर्ष एक हजार रुपये पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा।
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अधिनियम में पंजीकरण का अधिकार
नगर निगम अधिनियम 1959 में कुत्ता पालने पर पंजीकरण शुल्क का प्रावधान किया गया है। पंजीकरण की जिम्मेदारी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग को दी गई है। इस प्रावधान के बावजूद वर्ष 1998 तक शुल्क निर्धारण न होने के कारण कुत्तों का पंजीकरण नहीं होता था। प्रदेश सरकार ने 5 जून 1999 को गजट जारी कर पंजीकरण शुल्क दस रुपये निर्धारित किया था।
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80 हजार से ज्यादा पालतू कुत्ते
नगर निगम सीमा में 80 हजार से ज्यादा पालतू कुत्ते हैं। केनल क्लब से जुड़े सदस्यों और पालतू जानवरों से जुड़ी वस्तुओं का कारोबार करने वालों के अनुसार इतने कुत्ते निगम क्षेत्र में नाजों से पल रहे हैं।