प्रदूषण से काला दमा के शिकार हो रहे लोग
दिल्ली-एनसीआर का बढ़ता प्रदूषण यहां रहने वाले लोगों को काला दमा की ओर धकेल रहा है। आलम यह है कि जांच में एनसीआर में रहने वाले एक भी व्यक्ति के फेफड़े पूरी तरह काम करते नजर नहीं आ रहे हैं। ये जानकारी यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,कौशाम्बी, के वरिष्ठ श्वास एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्जुन खन्ना व डॉ. अंकित सिन्हा ने दी। बुधवार को विश्व काला दमा दिवस पर अस्पताल में स्वास्थ्य जांच शिविर और हेल्थ टॉक का आयोजन किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, कौशांबी:दिल्ली-एनसीआर का बढ़ता प्रदूषण यहां रहने वाले लोगों को काला दमा की ओर धकेल रहा है। आलम यह है कि जांच में एनसीआर में रहने वाले एक भी व्यक्ति के फेफड़े पूरी तरह काम करते नजर नहीं आ रहे हैं। ये जानकारी यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,कौशाम्बी, के वरिष्ठ श्वास एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्जुन खन्ना व डॉ. अंकित सिन्हा ने दी। बुधवार को विश्व काला दमा दिवस पर अस्पताल में स्वास्थ्य जांच शिविर और हेल्थ टॉक का आयोजन किया जाएगा। डॉ. अंकित ने बताया कि सर्दी के मौसम में थोड़ी-बहुत खांसी होना आम बात है, लेकिन दवा लेने के बावजूद लंबे समय तक इसका ठीक न होना ¨चता का विषय है। बढ़ते हुए प्रदूषण की वजह से ऐसी स्थिति में व्यक्ति को सावधान हो जाना चाहिए। श्वसन-तंत्र से संबंधित बीमारी काला दमा का भी लक्षण हो सकता है। आंकड़े बताते हैं कि 2020 तक काला दमा लोगों की मौत का कारण बनने वाली सबसे बड़ी बीमारी बन जाएगी। ऐसे में श्वास रोगियों को प्रदूषण के दौरान घर से कम से कम बाहर निकलना चाहिए। सभी लोग मिलकर अधिक से अधिक पेड़ लगाएं। मास्क का भी प्रयोग करें। इस दौरान डॉ. सुनील डागर, डॉ. राहुल शुक्ल, डॉ. अनुज अग्रवाल, डॉ. विक्रम ग्रोवर एवं गौरव पांडेय मौजूद रहे।