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जर्जर फ्लैट में जान जोखिम में डालकर रह रहे लोग

शिकायत के बाद भी जीडीए के अधिकारी फ्लैटों की जांच करने नहीं पहुंचे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 07:41 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 07:41 PM (IST)
जर्जर फ्लैट में जान जोखिम में डालकर रह रहे लोग
जर्जर फ्लैट में जान जोखिम में डालकर रह रहे लोग

जासं, गाजियाबाद : नंदग्राम ई-ब्लाक स्थित जीडीए द्वारा 32 साल पहले आवंटित किए गए फ्लैटों की हालत जर्जर हो चुकी है। लोग जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। कई परिवार फ्लैट पर ताला लगाकर किराये के मकान में रहने चले गए हैं। शिकायत के बाद भी जीडीए के अधिकारी फ्लैटों की जांच करने नहीं पहुंचे हैं।

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साल 1988 में किराये के मकानों में रहने वाले नागरिकों ने आवास के लिए आवेदन किया था। जीडीए ने उचित कीमत लेकर 900 से अधिक परिवारों के लिए ईडब्ल्यूएस फ्लैट आवंटित किए थे। कालोनी में पार्क, स्वच्छ पेयजल आदि सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई थीं। बाद में जीडीए ने इसे नगर निगम को हैंडओवर कर दिया था। अब यहां पर स्थानीय निवासी कई सुविधाओं से वंचित हैं। गंदगी से निवासियों का बुरा हाल है। नगर निगम की अनदेखी के कारण पार्क की स्थिति खराब है। महज 32 साल में आवासों की हालत जर्जर हो गई। बिल्डिंगों के गिरने का खतरा मंडरा रहा है। प्लास्टर छूटकर गिर गया है। कुछ लोग खुद ही अपने आवासों की मरम्मत करा रहे हैं। घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर फ्लैट बनाए गए हैं। रख-रखाव में भी लापरवाही बरती गई है। हमारी सुनने वाला कोई नहीं है।

- सचित त्रिपाठी, स्थानीय निवासी कई परिवार ताला लगाकर चले गए हैं। हम अपने परिवार को लेकर कहां जाएं। शिकायत करने के बाद भी कोई आकर नहीं देखता।

- राजीव जायसवाल, स्थानीय निवासी आवासों को जीडीए नगर निगम को हैंडओवर कर चुका है। उस दौरान किस प्रकार की सामग्री का प्रयोग किया गया, यह हम नहीं बता सकते हैं।

- संतोष कुमार राय, सचिव जीडीए


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