अपने खर्च पर कुत्तों को बंध्याकरण कराने को लोग मजबूर
फोटो 27 एसबीडी 16 - कई बार शिकायत के बाद भी निगम व पीएफए नहीं सुन रहा - कौशांबी में
फोटो 27 एसबीडी 16
- कई बार शिकायत के बाद भी निगम व पीएफए नहीं सुन रहा
- कौशांबी में लोग इतने परेशान कि सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :
कुत्तों की समस्या पर नगर निगम व पीपुल फार एनिमल (पीएफए) गंभीरता से काम नहीं कर रहा है। इससे परेशान शिप्रा सनसिटी के लेग खुद ही अपने खर्च पर कुत्तों का बंध्याकरण करवाने की पहल की है। इससे पहले शालीमार गार्डन में छात्रा ने अपने जेब खर्च से कुत्ते का बंध्याकरण कराया था। वहीं, दूसरी ओर कौशांबी में कुत्तों से परेशान लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में नगर निगम व पीएफए के खिलाफ याचिका दायर करने की योजना बनाई है।
शिप्रा सनसिटी फेज - एक निवासी रवि व उनकी पत्नी विद्याश्री ने स्थानीय पार्षद संजय सिंह के साथ मिलकर कुत्तों को बंध्याकरण कराने की पहल की है। इसमें दिनेश राज और प्रभा भी सहयोग कर रही हैं। पार्षद संजय सिंह का कहना है कि उपरोक्त लोगों ने शिप्रा सनसिटी फेज - एक में 91 कुत्तों को चिह्नित किया है। इनमें से 24 कुत्तों का बंध्याकरण नहीं किया गया है। रविवार को चार कुत्तों को बंध्याकरण के लिए एक निजी अस्पताल में भेजा गया। रवि व उनकी पत्नी कुत्तों की देखरेख कर रही हैं। संजय सिंह का कहना है कि कुत्तों के बंध्याकरण में जो खर्च आ रहा है उसका भुगतान जन सहयोग से किया जा रहा है।
इससे पहले शालीमार गार्डन की एक छात्रा ने अपने जेब खर्च से कुत्तों का निजी अस्पताल में बंध्याकरण कराया था। वहीं, दूसरी ओर कौशांबी के लोग कुत्तों की समस्या से परेशान हैं। कौशांबी अपार्टमेंट रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कारवा) के अध्यक्ष ने आरटीआइ डालकर कुत्तों की समस्या पर काम न करने पर पीएफए व नगर निगम से कई सवाल पूछे हैं। एक माह बाद भी जवाब नहीं मिला है। इस पर नगर निगम को लीगल नोटिस भी भेजा है। वीके मित्तल का कहना है कि अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। यदि जल्द जवाब मिलता है तो ठीक वरना सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।