पटाखे की सूचना पर नहीं गई पुलिस तो फायरिग पर दौड़ाया
दिवाली पर पटाखे एवं आतिशबाजी के लिए रात आठ बजे से देर रात 10 बजे तक का समय तय था। मगर शहर में आधी रात 12 बजे के बाद भी पटाखों की आवाज सुनाई देती रही। जोरदार पटाखों की आवाज सुन कई लोगों ने 100 नंबर डायल कर दिया। जब पटाखे की सूचना पर पुलिस नहीं आई तो लोगों ने फोन कर फायरिग की सूचना दी। वहीं कुछ लोगों ने पटाखे की आवाज को ही गोली की आवाज समझकर पुलिस को कॉल कर दी।
जासं, गाजियाबाद: दिवाली पर पटाखे और आतिशबाजी के लिए रात आठ बजे से देर रात 10 बजे तक का समय तय था। मगर शहर में आधी रात 12 बजे के बाद भी पटाखों की आवाज सुनाई देती रही। जोरदार पटाखों की आवाज सुन कई लोगों ने 100 नंबर डायल कर दिया। जब पटाखे की सूचना पर पुलिस नहीं आई तो लोगों ने फोन कर फायरिग की सूचना दी। वहीं कुछ लोगों ने पटाखे की आवाज को ही गोली की आवाज समझकर पुलिस को कॉल कर दी।
दिवाली की रात फायरिग के साथ पटाखे फोड़ने की सूचना भी कई बार दी गई। कई जगहों से लोगों ने फोन कर बताया कि 10 बजे के बाद भी उनके क्षेत्र में पटाखे फोड़े जा रहे हैं। दूसरी ओर लड़ी वाले पटाखों की भी लोगों ने शिकायत की। कुछ जगह पर जब पुलिस मौके पर नहीं पहुंची तो कई जगह से फायरिग की सूचना भी आनी लगी। इन कॉल्स पर जिले में दिवाली की रात पुलिस हलकान होती रही। सूचना पर पुलिस पहुंचती तो यहां लोग पटाखे फोड़ते हुए मिल रहे थे। कुछ लोगों ने शिकायत करते हुए कहा कि पुलिस पटाखे की सूचना पर नहीं पहुंच रही थी, जिस कारण उन्होंने फायरिग की बात कही। एसपी सिटी डॉ. मनीष मिश्र ने बताया कि दिवाली का त्योहार शहर में शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया। पटाखे देर रात तक चलने की सूचना आती रही। कई जगह से फायरिग की भी कॉल्स मिली, लेकिन मौके पर कुछ नहीं मिला। एसपी सिटी ने पुलिस के मौके पर न पहुंचने की बात से इन्कार कर कहा कि पुलिस के पहुंचने में देर तो हो सकती है, लेकिन 100 नंबर की कॉल अटेंड न हो, यह नहीं हो सकता।