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अधिवक्ताओं से राय ले रहे हैं लोग

अर्थला झील की जमीन पर बने मकानों में रहने वाले लोगों ने शनिवार को अलग - अलग अधिवक्ताओं से राय ली। लोगों ने दिल्ली गाजियाबाद व इलाहाबाद में अधिवक्ताओं से मुलाकात कर कानूनी राय ली है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि आशियाना तोड़े जाने की आशंका से लोग डरे हैं। लोगों की नींद उठी है। लोग दिन - रात मकान को बचाने के लिए राय शुमारी कर रहे हैं। शनिवार को सुबह से देर रात तक अर्थला झील की जमीन पर बसी बालाजी विहार व न्यू चित्रकूट कॉलोनी में लोग अलग - अलग बैठकें करते रहे। लोग आपस में चर्चा करते देखे गए। सुबह 10 बजे लोग अलग - अलग अधिवक्ताओं से मिलने गए। कुछ लोगों ने दिल्ली के नामी अधिवक्ताओं से वार्ता की। कुछ लोग इलाहाबाद में अधिवक्ताओं से मिलने के लिए रवाना हुए। वहीं कुछ लोगों ने गाजियाबाद में अधिवक्ताओं से वार्ता की। स्थानीय निवासियों ने बताया कि अधिवक्ताओं से राय ली जा रही है। अच्छा अधिवक्ता कर मामले की पैरवी की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 08:45 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jun 2019 08:45 PM (IST)
अधिवक्ताओं से राय ले रहे हैं लोग
अधिवक्ताओं से राय ले रहे हैं लोग

जासं, साहिबाबाद : अर्थला झील की जमीन पर बने मकानों में रहने वाले लोगों ने शनिवार को अलग - अलग अधिवक्ताओं से राय ली। लोगों ने दिल्ली, गाजियाबाद व इलाहाबाद में अधिवक्ताओं से मुलाकात कर कानूनी राय ली है।

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स्थानीय निवासियों ने बताया कि आशियाना तोड़े जाने की आशंका से लोग डरे हैं। लोगों की नींद उठी है। लोग दिन - रात मकान को बचाने के लिए राय शुमारी कर रहे हैं। शनिवार को सुबह से देर रात तक अर्थला झील की जमीन पर बसी बालाजी विहार व न्यू चित्रकूट कॉलोनी में लोग अलग - अलग बैठकें करते रहे। लोग आपस में चर्चा करते देखे गए। सुबह 10 बजे लोग अलग - अलग अधिवक्ताओं से मिलने गए। कुछ लोगों ने दिल्ली के नामी अधिवक्ताओं से वार्ता की। कुछ लोग इलाहाबाद में अधिवक्ताओं से मिलने के लिए रवाना हुए। वहीं, कुछ लोगों ने गाजियाबाद में अधिवक्ताओं से वार्ता की। स्थानीय निवासियों ने बताया कि अधिवक्ताओं से राय ली जा रही है। अच्छा अधिवक्ता कर मामले की पैरवी की जाएगी। बता दें कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश पर यहां कार्रवाई की जा रही है। इसका लगातार विरोध हो रहा है। रविवार को पुरूष, महिलाओं व बच्चों ने झील के पानी में उतर कर प्रदर्शन किया था। बुधवार को प्रशासन व नगर निगम की टीम अर्धसैनिक बल, कई थानों की पुलिस के साथ यहां कार्रवाई करने पहुंची थी लेकिन विरोध के कारण 15 मकानों व चार प्लॉटों की चारदीवारी को तोड़ने के बाद लौटना पड़ा था। शुक्रवार को मामले की एनजीटी में दोबारा सुनवाई हुई। इसमें एनजीटी ने आदेश दिया कि झील पर बने सभी मकान तोड़े जाएं।

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