Move to Jagran APP

मियावाकी पद्धति से सोसायटी में जंगल विकसित कर रहे हैं लोग

जागरण संवाददाता साहिबाबाद पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं। कौशांबी स्ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 06:35 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 06:35 PM (IST)
मियावाकी पद्धति से सोसायटी में जंगल विकसित कर रहे हैं लोग
मियावाकी पद्धति से सोसायटी में जंगल विकसित कर रहे हैं लोग

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :

loksabha election banner

पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं। कौशांबी स्थित धौलागिरी अपार्टमेंट के लोग मियावाकी पद्धति से सोसायटी परिसर में खाली जगह पर सघन जंगल विकसित कर रहे हैं। रविवार को लोगों ने फल-फूल देने वाले चार सौ पौधे लगाए। लोगों ने पौधों की देखरेख करने का संकल्प भी लिया, जिससे वह सूखें न।

धौलागिरी अपार्टमेंट में खाली जगह है। इस खाली जगह पर एक मीटर तक खोदाई कर लोगों ने उसमें जैविक खाद व जीवामृत मिलाया, जिससे पौधे रोपित होने के बाद जड़ें नीचे तक जाएं और पौधे जल्द विकसित हों। रविवार को सोसायटी में रहने वाले राजेश रंजन, संजय सरावगी, अनीता सरावगी, संजय सिंह, उमाशंकर, डॉक्टर केएस प्रसाद, पीएल सहगल, जीके दामिनी, राघवेंद्र, संजू, नीरजा, पप्पू रस्तोगी, बीसी रस्तोगी, शकुंतला, क्षितिजा, शोभा, उत्कर्ष, अल्का गौतम, जयश्री करनानी, रेनू प्रसाद, एएन चौधरी, मीनाक्षी जैन, मंजू शर्मा वीरबला रस्तोगी व अन्य ने मिलकर चार सौ पौधे लगाए। इसके साथ ही लोगों ने संकल्प लिया कि वह पौधों की देखरेख करेंगे, जिससे एक भी पौधा सूख न पाए। पौधारोपण करने वालों ने शहर के अन्य लोगों से अपील की कि इस सीजन में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर वातावरण की रक्षा करें।

-------

ऊंचाई के आधार पर लगाए गए पौधे :

राजेश रंजन का कहना है कि मियावाकी पद्धति में पौधों की ऊंचाई के आधार पर चार तरह के पौधे लगाए जाते हैं। इस तरह कम क्षेत्रफल में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर जंगल विकसित किया जाता है। सोसायटी में विकसित किए जा रहे जंगल में 40 मीटर ऊंचाई तक जाने वाले बहेड़ा के पौधे निश्चित दूरी पर लगाए गए। इसके बाद 25 से 30 मीटर तक की ऊंचाई तक जाने वाले पेड़ के पौधे - बरगद, पीपल, नीम, गूलर, आम, जामुन, सिरस, अमतास, सेमल, शीशम आदि के पौधे लगाए। इसके बाद 15 से 20 फीट ऊंचे पेड़ के पौधे- बेल, कचनार, अलास, लसूड़ा, आमला, सहजन, शहतूत आदि लागाए गए। इसके बाध झाड़ीनुमा पौधे लगाए गए, जिसमें हर श्रृंगार, खैर, कनैर, केसिया, वलूका अनार, गुडहल आदि के पौधे लगाए गए। सभी पौधों को एक निश्चित दूरी पर लगाया गया है।

------

लोगों ने खुद की नर्सरी बनाई :

राजेश रंजन का कहना है कि सोसायटी में व उसके आसपास पौधारोपण करने के लिए खुद ही नर्सरी तैयार की है। इस माह करीब 600 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अगले साल करीब 12 सौ पौधे लगाने और उनकी देखरेख करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.