Move to Jagran APP

आयुष्मान योजना में 208 मरीजों के इलाज का दो लाख रुपये का भुगतान निरस्त

केंद्र की अति महत्वाकांक्षी योजना को स्थानीय अस्पताल पलीता लगा रहे हैं। एक तरफ मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती नहीं करते हैं तो दूसरी तरफ अगर इलाज कर भी दिया तो मनमाना बिल भेजते हैं इसके चलते 20

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 09:10 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 06:11 AM (IST)
आयुष्मान योजना में 208 मरीजों के इलाज का दो लाख रुपये का भुगतान निरस्त
आयुष्मान योजना में 208 मरीजों के इलाज का दो लाख रुपये का भुगतान निरस्त

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद

loksabha election banner

केंद्र की अति महत्वाकांक्षी योजना को स्थानीय अस्पताल पलीता लगा रहे हैं। एक तरफ मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती नहीं करते हैं तो दूसरी तरफ अगर इलाज कर भी दिया तो मनमाना बिल भेजते हैं, इसके चलते 208 मरीजो के इलाज का भुगतान शासन ने निरस्त कर दिया है। भुगतान रोके जाने को लेकर निजी अस्पताल भी योजना से हाथ खींचने लगे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जो भुगतान रोके गए हैं उनमें सभी औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई थीं। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भुगतान कर दिए जाएंगे।

आयुष्मान योजना के तहत जिले में लगभग दो लाख लाभार्थी हैं। इनमें से विभागीय और शासन स्तर पर महज 61 हजार लाभार्थियों को ही वैरीफाइ करके उनके गोल्डन कार्ड जारी किए जा सके हैं। बाकी लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने की प्रक्रिया लगातार चल रही है। 2019 की अंतिम तिमाही के दौरान ही अब तक 208 मामलों में शासन स्तर से भुगतान पर रोक लगाई गई है। जिसके चलते लगभग दो लाख रुपये का भुगतान पर रोक लगाई गई है।

भुगतान में होती है देरी

योजना के तहत भुगतान होने में डेढ़ से दो महीने का समय लग जाता है। अस्पताल की ओर से जो बिल भेजे जाते हैं उनकी जिला, मंडल और शासन स्तर पर तीन बार जांच होती है। इनमें सभी स्तर पर औपचारिकताओं की जांच की जाती है। तीनों स्तर से जांच पूरी होने के बाद ही भुगतान किया जाता है। आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डॉ. आरके यादव ने बताया कि जांच की जिम्मेदारी शासन स्तर से एक निजी एजेंसी को सौंपी गई है। सर्वर डाउन होने और जांच करने वालों को अनुपस्थित रहने के कारण भी कई बार जांच में देरी हो जाती है। इस संबंध में शासन को सूचित किया गया है।

521 बिल भी हैं पेंडिग

साल की अंतिम तिमाही के दौरान 10 नवंबर तक शासन स्तर पर आयुष्मान योजना के तहत 521 मामलों के भुगतान पेंडिग हैं। इसके तहत निजी और सरकारी अस्पतालों को 2.80 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है। अधिकारियों के अनुसार यह मामले जांच प्रक्रिया में हैं जांच पूरी होने के बाद उनका भुगतान कर दिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.