भटक रहे मरीज, फोन नहीं उठा रहे अधिकारी
जासं गाजियाबाद जिले में सक्रिय संक्रमित सदस्यों की संख्या करीब चार हजार है और हालात बुरे
जासं, गाजियाबाद : जिले में सक्रिय संक्रमित सदस्यों की संख्या करीब चार हजार है और हालात बुरे हैं। न तो समय पर कोरोना टेस्ट हो रहा है न ही मरीजों को उपचार के लिए बेड, ऑक्सीजन और इंजेक्शन समय पर नहीं मिल रहे हैं। बेबस होकर मरीजों के स्वजन जनप्रतिनिधियों से संपर्क करते हैं। जनप्रतिनिधि जब प्रशासनिक अधिकारियों के पास फोन करते हैं तो उनका भी फोन नहीं उठाया जा रहा है। समय पर उपचार न मिलने के कारण मरीजों को इलाज में मदद नहीं मिलती है। आलम यह है कि कुछ पुलिस अधिकारी भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा फोन न उठाए जाने की शिकायत भी कर रहे हैं। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंच रही है।
जनप्रतिनिधियों से संपर्क नहीं, सहयोग की अपील:
शहर में सौ वार्ड हैं और आबादी 18 लाख से अधिक है। इनमें से ज्यादातर लोग अपनी समस्या लेकर इन सौ वार्डों के पार्षदों के पास पहुंचते हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की है, लेकिन उनसे संपर्क करना बंद कर दिया है। अपने प्रयास से जनप्रतिनिधि अगर किसी मरीज का उपचार कराने में सफल हो पा रहे हैं तो ठीक वरना उनको भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लापरवाही से बिगड़ रहे हालात:
पार्षद हिमांशु मित्तल का कहना है कि पहली लहर में कोरोना के मामले जब बढ़ रहे थे तब जिला प्रशासन ने ज्यादातर वार्डों में कोरोना टेस्ट कराने के लिए कैंप लगवाए थे लेकिन इस समय कोरोना टेस्ट कराने के लिए स्थान सीमित हैं। दूर-दूर से लोग एमएमजी अस्पताल आ रहे हैं, यहां पर घंटों लाइन में लगते हैं। ऐसे में स्वस्थ लोगों के भी संक्रमण की चपेट में आने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। अगर वार्डों में ही कोरोना टेस्ट कराने की व्यवस्था हो तो इस तरह का खतरा कम होगा और व्यवस्था में भी सुधार होगा। टीका लगवाने के लिए लंबी कतार:
पार्षद विकास खारी का कहना है कि कोरोना को काबू में करने के लिए कोरोनारोधी टीका लगाया जा रहा है लेकिन कई सेंटर ऐसे हैं, जहां पर आवश्यकता के अनुसार वैक्सीन नहीं पहुंच रही है। पार्षद का कहना है कि उनके वार्ड में ही आवास के पास ही टीकाकरण केंद्र बनाया गया है । वहां पर रोजाना 400 लोग टीका लगवाने के लिए आ सकते हैं जबकि व्यवस्था सिर्फ 40-50 लोगों के टीका लगाने की हुई है। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों को टीका लगवाने में परेशानी हो रही है।
रियलिटी चेक तो इन अधिकारियों ने नहीं उठाया फोन पदनाम नाम मोबाइल नंबर
अपर जिलाधिकारी नगर शैलेंद्र कुमार सिंह 7303328816
नगर मजिस्ट्रेट विपिन कुमार 9125181737
उप जिलाधिकारी सदर देवेंद्र पाल सिंह 9140436755
एसीएम प्रथम खालिद अंजुम 9412288286
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनके गुप्ता 9219618712
अपर जिलाधिकारी (भू- अध्याप्ति) कमलेश चंद्र 9625639877
अपर जिलाधिकारी( वित्त एवं राजस्व) यशवर्द्धन श्रीवास्तव 9760515115 मरीजों की मदद के लिए ये अधिकारी उठा रहे फोन : दैनिक जागरण द्वारा रियलिटी चेक करने पर एसडीएम लोनी शुभांगी शुक्ला और एसीएम द्वितीय विनय कुमार सिंह ने फोन उठाया। दोनों अधिकारियों ने मरीजों के तीमारदारों के भी फोन उठाए हैं। एसडीएम लोनी ने जरूरत पड़ने पर अवंतिका अस्पताल में दो ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध करवाए, जिससे कि मरीजों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
संक्रमण को फैलने से रोकने और मरीजों को उपचार दिलाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे फोन जरूर उठाएं, जिससे कि मरीजों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
- सुरेंद्र सिंह, मंडलायुक्त, मेरठ।