घरेलू सहायक ने ही की थी कारोबारी के घर में चोरी
कविनगर में राज्यसभा सदस्य डा. अनिल अग्रवाल के निवास के पड़ोस में रहने वाले कारोबारी के यहां चोरी की वारदात उनके नौकर ने ही की थी। घटना का पर्दाफाश करते हुए कविनगर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर 15 लाख रुपये की ज्वेलरी व 53.5 हजार बरामद की है। सीओ द्वितीय आतिश कुमार ¨सह ने कविनगर थाने पर रविवार को प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि चोरी के तरीके को देखकर शुरुआत से ही करीबी पर शक था। शक के आधार पर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने चोरी को अंजाम देना स्वीकार कर लिया।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : कविनगर में राज्यसभा सदस्य डा. अनिल अग्रवाल के निवास के पड़ोस में रहने वाले कारोबारी के यहां चोरी की वारदात उनके घरेलू सहायक ने ही की थी। घटना का पर्दाफाश करते हुए कविनगर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर 15 लाख रुपये की ज्वेलरी व 53.5 हजार बरामद की है। सीओ द्वितीय आतिश कुमार ¨सह ने कविनगर थाने पर रविवार को प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि चोरी के तरीके को देखकर शुरुआत से ही करीबी पर शक था। शक के आधार पर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने चोरी को अंजाम देना स्वीकार कर लिया। खोलकर गया था किचन की खिड़की
गौर हो कि 21 सितंबर की रात कविनगर के एफ ब्लॉक निवासी सुरेंद्र अरोड़ा के पहली मंजिल स्थित घर का ताला तोड़कर 15 लाख रुपये की ज्वेलरी व कीमती घड़ियां और करीब 60 हजार रुपये चोरी कर लिए गए थे। घटना के समय वह परिवार के साथ दिल्ली एक शादी में शामिल होने गए थे। रात दो बजे लौटे तो घर में चोरी का पता चला। पुलिस ने बिहार के मधुबनी जिले में सियोल थाना निवासी अविनाश को रविवार तड़के गिरफ्तार कर लिया। 19 वर्षीय अविनाश ने बताया कि वह पूर्व में डेढ़ साल इस्पात कारोबारी सुरेंद्र अरोड़ा के घर में काम कर चुका था। कुछ दिन पहले वह दोबारा सुरेंद्र अरोड़ा के घर में काम करने लगा था। शाफ्ट (ऊंची इमारत के मध्य में पाइपलाइन आदि के लिए छोड़ा गया रास्ता) के गोपनीय रास्ते और बेडरूम के अंदर स्टोर में कीमती सामान रखे जाने के बारे में उसे जानकारी थी। उसने पहले से ही चोरी की योजना बना रखी थी। 21 सितंबर की रात काम खत्म कर घर से जाते वक्त वह किचन की खिड़की की चटकनी खुली छोड़ गया था। रात नौ बजे परिवार घर से निकला था और ठीक एक घंटे बाद अविनाश घर में दाखिल हो गया।
ऊंचाई देखकर डर गया
कविनगर थानाध्यक्ष प्रदीप त्रिपाठी ने बताया कि अविनाश पीछे के रास्ते भवन में घुसा और किचन की खिड़की से घर में दाखिल हो गया। बेडरूम का गेट खुला था और प्लास, हथौड़ी व रॉड के जरिए अंदर स्टोर का लॉक तोड़ दिया। चोरी को अंजाम देकर जाने लगा तो उसने शाफ्ट में जाने के लिए लगे शीशे को तोड़ा। मगर ऊंचाई देखकर वह डर गया और किचन के रास्ते ही वापस चला गया। हालांकि घटनास्थल को देखकर कयास लगाए जा रहे थे कि चोर तीसरी मंजिल से शाफ्ट के रास्ते उतरे थे। चोरी सामान लेकर घर से निकला तो रोड पर उसे कुछ कुछ लोग दिखाई दिए। इसके चलते वह घर के पीछे ही सारा सामान छिपाकर अपने कमरे पर पहुंच गया। पूछताछ के दौरान अविनाश ने बताया कि मालिक सुरेंद्र ने दो दिन पूर्व ही उसे जरूरत पड़ने पर पांच हजार रुपये दिए थे। मगर लालच के चलते उसने चोरी को अंजाम दिया। वह चोरी कर गांव भागने की फिराक में था।